12 बजे निकली बाल कृष्ण की झांकी
ऊना/सुशील पंडित: जिला ऊना के तलमेहड़ा स्थित ऐतिहासिक सदाशिव मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। पूरे मंदिर परिसर को फूलों, झालरों और रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया था। जैसे ही शाम ढली, भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई और देर रात तक मंदिर प्रांगण भजन, कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजता रहा। पंजाब के प्रसिद्ध फनकार अमित धर्मकोटी ने अपने भजनों और लोकनृत्य प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके ऊर्जावान गीतों पर पंडाल में मौजूद भक्त देर रात तक झूमते-नाचते रहे। वातावरण भक्ति मय होने के साथ-साथ उत्साह और उल्लास से भर उठा।
रात 12 बजे ठीक जन्म महोत्सव के समय बालकृष्ण की झांकी निकाली गई। झांकी में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप का अलौकिक दर्शन कर श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। झांकी में मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन प्रवीण शर्मा वासुदेव का रूप धारण किए हुए थे, जिन्हें देखकर भक्तों ने तालियों और जयकारों से स्वागत किया। झांकी के आगे-आगे भक्त मंडल हर-हर महादेव और जय श्रीकृष्ण के नारों से माहौल को गूंजायमान कर रहे थे। इसके बाद वेद मंत्रों और वैदिक रीति-रिवाजों से ठाकुर जी का पूजन हुआ। मंदिर के पुजारियों ने रात्रि 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव संपन्न कराते हुए शंख और घंटियों की गूंज के बीच भक्तों को प्रसाद वितरित किया।
इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन लाभ लेने पहुंचे थे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे। लंगर और भंडारे की व्यवस्थाएं भी लगातार चलती रहीं, जिनसे भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का यह उत्सव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी लोगों को एकजुट करने वाला सिद्ध हुआ।