वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की है कि वह विदेशी छात्रों के लिए वीजा आवेदन की प्रक्रिया फिर से शुरू करेगा। इसी के साथ विभाग ने शर्त रखी है कि आवेदकों को सरकारी समीक्षा के लिए अपने ‘सोशल मीडिया अकाउंट्स’ सार्वजनिक करने होंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान में कहा, ‘नए दिशा-निर्देशों के तहत, हम F, M और J गैर-प्रवासी वर्गों में आने वाले सभी छात्र और एक्सचेंज विजिटर आवेदकों की व्यापक और गहन जांच करेंगे, जिसमें उनकी ऑनलाइन उपस्थिति (सोशल मीडिया गतिविधियां) भी शामिल होगी।
इस जांच को सुविधाजनक बनाने के लिए, एफ, एम और जे गैर-अप्रवासी वीजा के सभी आवेदकों को अपने सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर प्राइवेसी सेटिंग को ‘सार्वजनिक’ करने का निर्देश दिया जाएगा।’ ऐसे में अमेरिका में उच्च शिक्षा का सपना देख रहे लाखों भारतीय छात्रों को बड़ी राहत दी है। बता दें कि, ट्रंप प्रशासन ने स्टडी वीजा पर लगी अस्थायी रोक को हटाने का निर्णय लिया है, जिससे अब विदेशी छात्र एक बार फिर अमेरिका जाकर पढ़ाई कर सकेंगे। इस फैसले का सीधा फायदा पंजाब के छात्रों को होगा, जो बड़ी संख्या में हर साल अमेरिका में शिक्षा प्राप्त करने के लिए आवेदन करते हैं।
इससे पहले, अमेरिकी सरकार ने सुरक्षा कारणों से कुछ समय के लिए स्टडी वीजा पर रोक लगा दी थी। अब, इसे शर्तों के साथ पुनः बहाल कर दिया गया है। नई नीति के अनुसार, स्टडी वीजा के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल की स्क्रीनिंग करवानी होगी। अमेरिकी वीजा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी सुरक्षा जोखिम न हो। इसके तहत आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की गोपनीयता सेटिंग्स को ‘पब्लिक’ यानी सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा।
नई गाइडलाइन का असर
वीजा प्रक्रिया में सोशल मीडिया इतिहास की जांच अनिवार्य होगी। छात्रों को आवेदन के समय अपने सभी प्रमुख सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देनी होगी। गोपनीयता सेटिंग्स को सार्वजनिक रखना अनिवार्य किया जाएगा, ताकि अमेरिकी अधिकारी संपूर्ण जानकारी की जांच कर सकें।
पंजाब से हर साल हजारों छात्र अमेरिका में पढ़ाई के लिए आवेदन करते हैं। हाल ही में वीजा प्रक्रिया में आए व्यवधान से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब इस रोक के हटने से उन्हें न केवल राहत मिलेगी, बल्कि नई शर्तों के अनुरूप तैयारी करने का भी समय मिलेगा। पंजाब के कई कोचिंग सेंटर्स और वीजा कंसल्टेंट्स पहले ही छात्रों को सोशल मीडिया से जुड़ी सावधानियों की जानकारी देने लगे हैं।