बलूचिस्तानः पाकिस्तान इस वक्त चौतरफा मुश्किलों से घिरा है जहां एक तरफ बलूचिस्तान में अस्थिरता है तो दूसरी तरफ उसका सिंध प्रांत भी जल रहा है। सिंध में लोग विवादित 6 नहर प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। इसी प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर के नौशहरो फिरोज जिले में स्थित आवास पर धावा बोल दिया और आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने संपत्ति की तोड़फोड़ की और घर के सामान को आग के हवाले कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे के पास मोरो शहर में स्थित मंत्री के आवास को निशाना बनाया और पास में खड़े दो ट्रेलरों को भी आग के हवाले कर दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और एक डीएसपी और छह अन्य पुलिसकर्मियों सहित एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।
चोलिस्तान नहर का मुद्दा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेतृत्व वाली सिंध सरकार और केंद्र की शहबाज शरीफ सरकार के बीच विवाद का मुख्य मुद्दा बना हुआ है। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार चोलिस्तान रेगिस्तान की सिंचाई के लिए सिंधु नदी पर 6 नहरों के निर्माण की प्लानिंग कर रही थी। लेकिन पीपीपी और सिंध प्रांत के अन्य राजनीतिक दल इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, चोलिस्तान कैनल सिस्टम की अनुमानित लागत 211.4 अरब रुपये है और इस प्रोजेक्ट के जरिए हजारों एकड़ बंजर भूमि को खेती योग्य जमीन में बदलना था। प्रोजेक्ट के तहत 400,000 एकड़ जमीन पर खेती की योजना थी। लेकिन सिंध में इस प्रोजेक्ट का भारी विरोध हो रहा था जिसमें राजनीतिक दल, धार्मिक संगठन, एक्टिविस्ट्स और वकील शामिल थे। प्रोजेक्ट के खिलाफ पूरे सिंध में रैलियां और धरना प्रदर्शन किए गए। इसे देखते हुए पिछले महीने इस प्रोजेक्ट को कॉमन इंटरेस्ट्स काउंसिल (CCI) ने अस्वीकार कर दिया।
सीसीआई की बैठक के बाद पाकिस्तान के पीएमओ की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘सभी प्रांतों के बीच आपसी समझ और आम सहमति के बिना कोई भी नई नहर नहीं बनाई जाएगी… जब तक प्रांतों के बीच व्यापक समझौता नहीं हो जाता, तब तक केंद्र किसी भी योजना पर आगे नहीं बढ़ेगा।’ सीसीआई के निर्णय के बावजूद, सिंध में प्रोजेक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहा और सरकार ने प्रदर्शनकारियों से इसे समाप्त करने का आग्रह किया।