- Advertisement -
spot_img
spot_img
HomePunjabPunjab News: जबरन रूसी सेना में रखा नौजवान 5 माह बाद घर...

Punjab News: जबरन रूसी सेना में रखा नौजवान 5 माह बाद घर लौटा, सुनाई दुखद आपबीती, देखें वीडियो

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

अमृतसरः विदेश में जाकर नौकरी करने और बढ़िया लाइफस्टाइल की चाहत आखिरकार पंजाबियों के लिए मौत की सजा बनती जा रही है। आए दिन किसी न किसी नौजवान के विदेश में फंस जाने और कइयों के मर जाने की खबरें सामने आती ही रहती हैं। वहीं कई नौजवान तो पनामा के जंगलों ने निगल लिए हैं। ज्यादातर नौजवानों को एजेंटों द्वारा गुमराह करके किसी अंजान जगह भी भेज दिया जाता है जिससे उनकी जिंदगी नर्क बन जाती है। ऐसा ही मामला अजनाला से सामने आया है जहां, गांव जगदेव खुर्द के नौजवान को एजेंट ने गुमराह करके पहले रुस पयर्टक वीजा पर भेज दिया, फिर बाद में उसे वहां जबरन रुसी सेना में भर्ती करवा दिया गया जहां, उसकी जिंदगी बद से बद्दतर हो गई। अब करीब 5 महीने बाद घर लौटे युवक ने अपनी दुखद आपबीती सुनाई।

पीड़ित सरबजीत सिंह ने बताया कि वह अपने ही गांव के एक युवक के कहने पर टूरिस्ट वीजा पर करीब 6-7 महीने पहले रूस जाने के लिए रवाना हुआ था। सरबजीत ने बताया कि यहां एजेंट ने उसे कहा था कि उसे वहां जाकर केवल कूरियर का काम करना है, जिसके लिए उसे 80 से 85 हजार रुपये महीने की सेलरी मिलेगा, लेकिन जब वे वहां पहुंचा तो उसे और उसके कुछ अन्य साथियों को सीधे सेना में भर्ती कर लिया गया, जहां उन्हें 20 से 21 दिनों तक प्रशिक्षण दिया गया और फिर यूक्रेन की फ्रंट लाइन में भेज दिया गया। उन्हें 30-35 घंटे बाद ही थोड़ा सा चावल खाने को दिया जाता है और पानी भी कभी-कभार ही मिलता है।

सरबजीत ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ 5 महीने तक लड़ाई लड़ी जिसमें कई पंजाबी व अन्य युवक घायल हुए और कुछ की मौत भी हो गई। उन्होंने कहा कि यह गुरु रामदास पातशाह की कृपा है कि वह जीवित व स्वस्थ अपने घर लौट आया हैं। उसने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के दौरे पर गए थे तो उन्होंने यह मुद्दा उठाया था कि उनके देश के युवाओं को भारत वापस भेजा जाए जिसके बाद रूसी सरकार ने उन्हें वापस भेज दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वे जीवित घर लौट सकेंगे।

सरबजीत सिंह की मां ने बताया कि उनके घर के हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं और उनकी तबीयत भी खराब होती जा रही है। जब उसके पोते-पोतियों ने उससे पूछा कि उसके पिता कब आएंगे तो उसके पास कोई जवाब नहीं होता था, लेकिन आज वह भगवान का शुक्रिया अदा करती हैं कि उनका बेटा सकुशल घर लौट आया है, जिसकी उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी।

इस संबंध में ग्रामीणों ने पंजाब और केंद्र सरकार से मांग की कि ऐसे ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए जो लोगों के बच्चों को विदेश में मरने के लिए फेंक देते हैं ताकि भविष्य में कोई भी ट्रैवल एजेंट ऐसी घिनौनी हरकत न कर सके।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page