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तीसरे बजट में भी चुनावी ग्रारंटियाँ हुई बेसुध: सुमित शर्मा

बजट स्पीच में क़ानून व्यवस्था की मजबूती पर मूक दिखे मुख्यमंत्री
ऊना/सुशील पंडित : कांग्रेस सरकार का वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह बजट मात्र शब्दों का मायाजाल है इस बजट में मुख्यमंत्री जिनके पास वित्त मंत्रालय की ज़िम्मेदारी भी है ने अपने तीसरे बजट में चुनावी दस ग्रारंटीयों क़ो पुरा करने की दिशा में कोई भी सार्थक कदम नहीं दिख रहा है, न ही प्रदेश में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था में सुधार के लिए किसी भी तरह के सकारात्मक कदम की बात कही है।  सुमीत ने कहा कि यह बजट युवा, महिला, किसान-बागवान विरोधी है इस बजट में यहाँ तक पेंशनर्स क़ो भी लाभ लेने के लिए आयु के वर्गीकरण कि श्रेणी से गुजरना पड़ेगा। इस बजट में बहुत घोषणाएं कि गयी हैं जोकि मात्र बजट बुक में मज़बूत दिख रही हैं परन्तु इस घोषणाओं क़ो लागू करने के लिए कांग्रेस सरकार के पास कोई पुख्ता योजना नहीं दिख रही, साथ ही बिगड़ती कानून व्यवस्था पर एक शब्द भी इस बजट में नहीं बोला गया जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।
ज़ब आमजन के साथ पर्यटक की सुरक्षा के लिए इस बजट में कुछ नहीं है तो कैसे इको टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और होम स्टे टूरिज्म बढ़ेगा ?प्रदेश के युवाओं क़ो प्रति वर्ष एक लाख रोज़गार मिलने की उम्मीद में था आज इस बजट में कोई घोषणा न होने से निराशा ही हाथ लगी है। गोबर खरीद की कोई बात इस बजट में नहीं की गई।बजट में कांग्रेस सरकार आने वाले समय में अपने वित्तीय कुप्रबधन क़ो छुपाने के लिए ओपीएस स्कीम से इनपीएस स्कीम में जाने का संकेत दिया है। पेंशनर्स को वित्तीय लाभ लेने के लिए अब आयु वर्गीकरण की सीमाओं से गुजरना पड़ेगा। मात्र 70-75 वर्ष की आयु के पेंशनर्स क़ो वित्तीय लाभ देने की बात इस बजट में कही गयी है।वहीं प्रदेश क़ो प्राकृतिक (Natural) खेती एवं हरित(Green) ऊर्जा के निर्माण से उद्योग, यातायात व्यवस्था क़ो इ-व्हीकल में बदलकर देश का पहला राज्य बनाने की तैयारी इस बजट में की गयी है।
 सुमीत ने बताया कि वर्ष 2025-26के लिए केंद्र सरकार के बजट में पहले ही हरित ऊर्जा और सौर ऊर्जा क़ो बढ़ाने का बल दिया गया और उसी योजना के लाभ से प्रदेश सरकार आगे बढ़ना चाह रही है।आगामी वित्त वर्ष में भानुपाली बिलासपुर रेल लाइन पर प्रदेश सरकार ने अपने हिस्सेदारी देने के बारे में स्पष्ट स्टैंड नहीं दिखाया है. जो दुर्भाग्यपूर्ण है।प्राकृतिक खेती, पशु पालन, भेड़ पालक, किसान बागवान की आर्थिकी के उत्थान के लिए सिर्फ घोषणा की है जबकि इसके लिए कोई पुख्ता योजना इस बजट में नहीं दिख रही।

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