पटियालाः खनौरी बॉर्डर पर आज आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को 37 वां दिन हो रहा है। वहीं डल्लेवाल को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जहां कोर्ट ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पंजाब सरकार को 3 दिन की मोहलत दी है। वहीं डल्लेवाल ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि अगर सत्य ग्रह आंदोलन कुचले जा सकते है तो यह आंदोलन कुछ भी नहीं है।
ऐसे में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और सरकार से आंदोलन में मांगों की ओर ध्यान देने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बैंच ने इसकी सुनवाई की, जहां अब इस मामले की अगली सुनवाई अब 2 जनवरी को होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक का टाइम दिया था। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के AG गुरमिंदर सिंह ने कहा कि कल 2 चीजें बीच में आ गईं।
पंजाब बंद था, जिस वजह से कल सोमवार को ट्रैफिक बिल्कुल भी नहीं चला। एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगर आपको कुछ और समय चाहिए, तो हम तैयार हैं। दूसरी ओर SG तुषार मेहता ने कहा कि मेरे पास इस पर कोई निर्देश नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत ने अवमानना करने वालों (पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और DGP) ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए 3 दिन का समय मांगा है।
एडवोकेट जनरल ने भी मौखिक तौर पर कुछ स्थितियां बताई हैं। जिसे देखते हुए डल्लेवाल को भर्ती कराने के आदेश को लागू करने के लिए कुछ और समय देने की अर्जी मंजूर की जाती है। बता दें कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान दी गई दलील में पंजाब सरकार ने कहा कि कल पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया।
