जालंधर, ENS: किसानों द्वारा दिल्ली कूच को लेकर दो बार यात्रा स्थगित करनी पड़ी। बताया जा रहा हैकि किसानों की प्रशासन के साथ मीटिंग हुई है, लेकिन इस मीटिंग में क्या फैसला हुआ है यह अभी अन्य किसानों को नहीं पता है। इस मामले को लेकर दोआबा किसान यूनियन के प्रधान हरजसलिंदर सिंह ने कहा कि जो भी किसान नेताओं का फैसला आएगा उसके आधार पर अगली रणनीति तय की जाएगी। वहीं किसानों में पड़ी दरार को लेकर दोआबा प्रधान ने रूलदू मानसा पर जमकर निशाना साधा है। वहीं उन्होंने कहा कि किसान 13 फरवरी से अपनी केंद्र से पुरानी मांगों को लेकर बॉर्डर पर बैठे हुए है। उन्होंने कहा कि अभी तक केंद्र के साथ इस मसले को लेकर बातचीत नहीं हुई है।
दोआबा प्रधान ने कहा कि उनकी केंद्र के पास रखी हुई अपनी पुरानी मांगे ही है, जिसको लेकर वह शांतमयी ढंग से प्रदर्शन कर रहे है। हरसलिंदर ने कहा कि केंद्र को जगाने के लिए दोबारा से किसान बॉर्डर पर पहुंचे है। वहीं दिल्ली कूच को लेकर किसान प्रधान ने कहा कि केंद्र ने पहले दिल्ली के लिए पैदल जाने की इजाजत दी थी, लेकिन अब किसान पैदल दिल्ली की ओर कूच कर रहे है, लेकिन उन्हें आगे जाने नहीं दिया जा रहा। किसान प्रधान ने कहा कि दो बार 101 किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की, लेकिन उन पर आंसू गैस के गोले दागे गए। वहीं प्रशासन के साथ बातचीत को लेकर किसान प्रधान ने कहा कि कल उनकी मीटिंग हुई है, लेकिन अभी इसके बारे में उन्हें कुछ ज्यादा जानकारी नहीं है।
वहीं किसानों की एकता ना होने के मुद्दे को लेकर हरजसलिंदर ने कहा कि उनके किसानों में एकता है तभी सभी मिलकर प्रदर्शन कर रहे है। वहीं उन्होंने कहा कि जिन किसान नेताओं ने चुनाव लड़ रहा था, वह उन्हें साथ लेकर नहीं चल सकते। उनका कहना है कि पहले किसानी में वह चेहरा बनाते है और उसके बाद वह चुनाव लड़ते है। जिसके बाद वह मंत्री बनने की चाह रख रहे है और किसानी का भी हक रखना चाहते है, यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की सोच है कि वह किसी किसान को मरवाना नहीं चाहते बल्कि जिस प्रधान का नंबर आएंगा वह आमरण व्रत पर बैठेंगा। वहीं लोगों को आ रही परेशानी को लेकर किसान नेता ने कहा कि वह 13 फरवरी से शांतिमय ढंग से प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय से किसी भी व्यक्ति को किसान ने परेशान नहीं किया। वहीं उन्होंने कहा कि रूलदू सिंह मानसा कहा था कि अकेले कोई किसान जेलों में रहकर जीत नहीं पाया।
उन्होंने कहा कि शायद रूलदू मानसा इतना पता नहीं होगा, क्यों वह अपने गांव में रहता होगा। किसान प्रधान ने कहा कि जगजीत डल्लेवाल 3 से 4 बार जेल में जीत हासिल कर पाए है। उन्होंने कहा कि अब तो डल्लेवाल सहित अन्य किसानों ने पक्की मंशा बना ली है कि मर जाएंगे, लेकिन जब तक मांगे नहीं मानी जाती वह नहीं हटेगें। उन्होंने कहा कि मरने के लिए किसानों की लाइन लंबी है। ऐसे में कोई किसान पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब ने पहले भी कई बार कुर्बानियां दी है। वहीं किसानों के पीछे सियासत को लेकर कहा कि इस बारे में सभी को पता है। उन्होंने कहा कि केंद्र पहले कह रही थी कि किसानों को बाहर से फंडिंग आ रही है। उसके बारे में केंद्र ने पता कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस बार वह अपनी मांगे मनवाए बिना पीछे नहीं हटेगे।