Highlights:
- भारत सरकार ने 2 लाख फर्जी कनेक्शनों को ब्लॉक किया, 4.8 लाख फर्जी कनेक्शन की पहचान।
- टेलीकॉम सेक्टर में बड़े बदलाव और डिजिटल सुरक्षा अभियान तेज।
- डिजिटल अरेस्ट जैसे नए साइबर फ्रॉड तरीकों पर सख्ती, ठगों पर शिकंजा।
एनकाउंटर न्यूज़, (नई दिल्ली) 23 नवंबर 2024: डिजिटल युग के साथ-साथ साइबर ठगी (Digital Crime) और फर्जी कनेक्शनों की समस्या तेजी से बढ़ रही है। देश में लाखों नागरिकों को ठगने वाले अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से आने वाले स्पैम कॉल्स और डिजिटल ठगी के कनेक्शनों पर रोक लगाने के लिए अब तक 2 लाख फर्जी कनेक्शनों को ब्लॉक किया गया है, जबकि 4.8 लाख से अधिक की पहचान हो चुकी है।
सरकार का सख्त रुख
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) ने बताया कि स्पैम कॉल्स और डिजिटल फ्रॉड को रोकने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कंबोडिया, म्यांमार, वियतनाम, और लाओस जैसे देशों से जुड़े कनेक्शनों को प्राथमिकता के आधार पर जांचा जा रहा है।
DoT के अनुसार, अब तक 6200 से अधिक फर्जी मोबाइल हैंडसेट्स को ब्लॉक किया गया है, जिनका उपयोग साइबर अपराधियों द्वारा किया जा रहा था। यह कदम मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
टेलीकॉम नियमों में बड़े बदलाव
साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार ने टेलीकॉम नियमों में व्यापक सुधार किए हैं।
- KYC नियमों को और कड़ा किया गया है, जिससे फर्जी कनेक्शनों की संभावना को कम किया जा सके।
- ट्रैकिंग सिस्टम को सुदृढ़ किया गया है, जिससे संदिग्ध गतिविधियों की पहचान तुरंत की जा सके।
- टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फर्जी नंबरों और उपकरणों की पहचान कर रियल-टाइम कार्रवाई सुनिश्चित करें।
डिजिटल अरेस्ट
हाल के दिनों में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) जैसे नए तरीकों से ठगी के मामलों में वृद्धि हुई है। यह तकनीक उपयोगकर्ताओं को उनकी डिजिटल सेवाओं तक पहुंचने से रोकती है और बदले में ठग फिरौती मांगते हैं। इस तरीके ने लाखों लोगों को ठगा है, और सरकार ने इस पर सख्त कार्रवाई करने की योजना बनाई है।
गृह मंत्रालय के साइबर फ्रॉड कोऑर्डिनेशन सेंटर ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे इस समस्या पर तत्काल कार्रवाई करें और अपराधियों की पहचान करें।
सरकार ने न केवल प्रशासनिक कदम उठाए हैं, बल्कि आम नागरिकों को भी साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क किया है:
- संदिग्ध कॉल्स और मैसेज की तुरंत रिपोर्ट करें।
- किसी भी अनजानी लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- डिजिटल भुगतान करते समय सुरक्षित ऐप्स का ही उपयोग करें।
विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल ठगी के मामले केवल तकनीकी सुधार से नहीं रुकेंगे। इसमें आम जनता को भी सतर्क रहना होगा। 4.8 लाख फर्जी कनेक्शनों की पहचान इस बात का संकेत है कि ठगी का जाल कितना बड़ा है।
DoT के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल साइबर ठगी से अरबों रुपये का नुकसान होता है। सरकार इस समस्या को खत्म करने के लिए इंटरनेशनल स्तर पर सहयोग बढ़ाने की योजना बना रही है।
सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि डिजिटल सुरक्षा को लेकर देश में आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही,
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके फर्जी कनेक्शनों को ट्रैक किया जाएगा।
- साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम लॉन्च किए जाएंगे।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग से क्रॉस-बॉर्डर फ्रॉड पर सख्ती की जाएगी।
डिजिटल सुरक्षा में नागरिकों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। सरकार ने सभी से अपील की है कि वे अपने मोबाइल और डिजिटल उपकरणों का सुरक्षित उपयोग करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।