फतेहगढ़ साहिबः अमृतसर-हावड़ा मेल (13006) में शनिवार रात साढ़े दस बजे हुए धमाके के मामले को लेकर शक गहराता जा रहा है। जिस जरनल कोच (174765/c) में धमाका हुआ, अब उसकी फॉरेंसिक जांच होगी। जांच के लिए इस बोगी को वापस सरहिंद लाया जा रहा है। धमाके में झुलसे चारों घायलों की हालत अब सामान्य है। सरहिंद स्टेशन पर सतर्कता भी बढ़ा दी गई है। हालांकि स्टेशन पर स्कैनिंग की सुविधा नहीं है, फिर भी मैटल डिटेक्टर के साथ मैन्युअल चेकिंग की जा रही है। शुरुआती जांच में जीआरपी ने बताया था कि धमाका बाल्टी में रखे पटाखों के चलते हुआ था। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, शक गहराता जा रहा है। हालांकि जांच टीम को धमाके वाली बोगी से कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है।
इसके अलावा धूम्रपान से पटाखों को आग लगने का कारण भी सटीक साबित नहीं हो रहा, क्योंकि बाल्टी का ढक्कन बंद था। बंद बाल्टी में रखे पटाखों में धूमपान से आग नहीं लग सकती है। लिहाजा, रेलवे पुलिस की जांच टीम भी अब पटाखे वाली थ्योरी से हट कर जांच कर रही है। हालांकि धमाके की तीव्रता को देखते हुए इसके पीछे किसी आंतकी या अलगाववादी संगठन की भूमिका से नकारा जा रहा है। जांच अधिकारी व जीआरपी थाना सरहिंद के प्रभारी रत्न लाल ने कहा कि संदेह के कारण धमाके वाली बोगी को सरहिंद वापस मंगवाया जा रहा है। इसके लिए रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया है।
उम्मीद है कि मंगलवार को धमाके वाली बोगी सरहिंद स्टेशन पर पहुंच जाएगी। शनिवार रात धमाके वाली बोगी को सवारियों के साथ ही सरहिंद से रवाना कर दिया गया था। लिहाजा जांच टीम को उसमें सुबूत मौजूद होने की आशंका कम ही है। फिर भी जांच अधिकारी ने रेल अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बोगी को धोया न जाए। फिलहाल फॉरेंसिक टीम बाल्टी की जांच से किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट जगजीत सिंह ने धमाके वाली बाल्टी से फिंगर प्रिंट भी लिए थे। उनका मिलान पुलिस रिकार्ड में दर्ज किसी पेशेवर अपराधी से नहीं हुआ है।
वहीं, अमृतसर से लुधियाना तक हावड़ा मेल के सात ठहराव स्टेशनों की सीसीटीवी फुटेज से भी जांच टीम को कुछ ठोस सुराग हाथ नहीं लग पाया है। धमाके में बिहार के नवादा का सोनू, उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले का आशुतोष, बिहार के भोजपुर पीरू का अजय और उसकी पत्नी संगीता झुलसे गए थे। धमाके वाली बोगी जांच का अहम हिस्सा है, लेकिन रेल प्रशासन ने शनिवार रात हादसे के बाद इस बोगी को ट्रेन के साथ ही भेज दिया था, जिससे उसकी फोरेंसिक जांच नहीं हो सकी। इसके लिए जांच टीम की मौजूदगी जरूरी है।
