मोगा: पंजाब में पराली को आग लगाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अब प्रशासन द्वारा भी पराली के मामलों में सख्ती से कार्रवाई करते हुए मामले दर्ज किए जा रहे है। मोगा के डीसी विशेष सरंगल ने रविवार को दो एसडीएम, दो एसएचओ और एक बीडीपीओ सहित अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए है। सरंगल ने बताया कि पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर, लुधियाना द्वारा पराली जलाने की घटनाओं पर 105 मामले दर्ज किए गए हैं और उल्लंघन करने वाले किसानों पर 1.72 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
अगर बात की जाए मोगा जिला की तो जिले के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल और एसएसपी अजय गांधी द्वारा लगातार गांव-गांव जाकर किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए अपील भी की जा रही हैं। वहीं कई स्थानों पर नियुक्त किए अधिकारी तो किसानों को गांवों में जाकर किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए जागरूक कर रहें हैं। पराली के मामलों को लेकर डिप्टी कमिश्नर व एसएसपी खुद भी जाकर खेतों में लगी आग को बुझवा रहे हैं। वहीं अधिकारी भी सेटेलाइट के जरिए व खुद भी खेतों का मुआयना करके पराली को आग लगवाने से रोक रहे हैं।
डिप्टी कमिश्नर ने मोगा जिले में 124 किसानों पर पराली को जलाने को लेकर मामले दर्ज किए हैं और उन पर जुर्माने भी लगाए। एक मामला धारा 14(1) के तहत कार्रवाई के लिए मनयोग सीजेएम की अदालत में भी भेजा है। किसान नेताओं ने डिप्टी कमिश्नर के साथ मीटिंग की और डिप्टी कमिश्नर को पूरा भरोसा दिया एक 2 दिन में पूरी मशीनरी मुहैया करवाई जाएगी।
किसानों ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर ने खेतों से गांठे उठाने के लिए अब मनरेगा मजदूरों को भी लगाया गया है। डीसी द्वारा किसानों को खेतों में पराली जलाने के नुक्सानों के बारे में भी बताया गया। उन्होंने बताया कि खेतों में पराली को आग लगाने से मिट्टी के खनिज तत्वों को काफी नुक्सान होता है तथा मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी खत्म होती है। वहीं डीसी ने आगामी खेती के लिए किसानों को फसल चक्र भी अपनाने को कहा और डीपी खाद भी उपलब्ध करवाने को कहा है।
