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PGI और PU पर करोड़ों रुपये की देनदारी, आखिरी नोटिस जारी, सील की चेतावनी

चंडीगढ़ः प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टरों में पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआई भी शामिल है। दोनों संस्थानों पर कुल 107.5 करोड़ रुपये का संपत्ति कर बकाया है। इसमें से पीयू पर करीब 66 करोड़ और पीजीआई पर 41.5 करोड़ रुपये का संपत्ति कर बकाया है। इसके अलावा सेक्टर-42 के स्पोर्ट्स कांप्लेक्स पर करीब साढ़े 4 करोड़ और बिजली विभाग के कई दफ्तरों पर भी कुछ करोड़ रुपये बकाया है।

वित्तीय संकट पर पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया के साथ हुई बैठक के बाद मेयर कुलदीप कुमार एक्शन में नजर आ रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को तीन आदेश जारी किए। सबसे पहले उन दुकानदार, उद्योग, सरकारी संस्थान व विभागों को आखिरी नोटिस भेजने के आदेश दिए, जिन्होंने अब तक संपत्ति कर और पानी का बिल जमा नहीं किया है। उन्होंने बिल्डिगों को सील करने की भी चेतावनी दे डाली। मेयर ने सभी पार्षदों को भी पत्र लिखकर सुझाव मांगे और चार नवंबर को निगम के 36 विभागों की संयुक्त बैठक भी रखी है।

वीरवार को प्रशासक ने निगम के बजट की समीक्षा की थी। उन्होंने अतिरिक्त ग्रांट देने से मना कर दिया था और कहा कि निगम सबसे पहले अपना बकाया वसूले और खुद कमाई के साधन जुटाए। इस आदेश के बाद अब निगम एक्शन मोड में नजर आ रहा है। मेयर ने आदेश जारी कर अधिकारियों से 7 दिन के अंदर शहर के सभी संपत्ति कर और पानी के बिलों के डिफॉल्टर्स की सूची मांगी है। कहा है कि चाहे वह दुकानदार, उद्योग या पीजीआई-पीयू, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स जैसे सरकारी संस्थान, पंजाब और हरियाणा के सरकारी बिल्डिंग या यूटी सचिवालय हो, इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आदेश जारी किया सभी डिफॉल्टर्स को एक फाइनल नोटिस दिया जाए, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा हो कि अगर वह जल्द बकाया जमा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें पानी का कनेक्शन काटने के साथ ही प्रॉपर्टी को सील करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा है कि बकाया न जमा करने वाले बिल्डिंग व दुकानदारों की सूची हर कुछ दिन बाद अखबारों में भी प्रकाशित की जाएगी और रेडियो पर भी उनके नामों को बताया जाएगा। बता दें कि वित्त वर्ष 2024-25 में निगम ने 48.46 करोड़ ही संपत्ति कर के वसूले हैं। कई सरकारी बिल्डिंग डिफॉल्टर हैं। इसमें अस्पताल, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स भी शामिल हैं।

4 नवंबर को नगर निगम के सभी 36 विभागों की एक मीटिंग बुलाई है, जिसमें यह चर्चा की जाएगी कि नगर निगम को किस तरह से वित्तीय संकट से बाहर निकाला जा सकता है और राजस्व कैसे बढ़ाया जा सकता है। मेयर की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। 36 विभागों की यह बैठक निगम के कांफ्रेंस हॉल में चार नवंबर को होगी। कुलदीप कुमार ने बताया कि इसका उद्देश्य सभी विभागों की स्थिति की समीक्षा करना और वह अपना राजस्व कैसे बढ़ा सकते हैं, इस पर चर्चा करना है। यह भी देखा जाएगा कि किस विभाग का पैसा कहां पर फंसा हुआ है। इसे लेकर सभी से सुझाव लिए जाएंगे और जरूरत पड़ी तो सख्त कदम भी उठाए जाएंगे।

शहर के मेयर कुलदीप कुमार ने शुक्रवार को सभी पार्षदों को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने निगम को वित्तीय संकट से बाहर निकलने को लेकर सुझाव मांगे हैं। मेयर ने अपने पत्र में लिखा कि निगम भीषण वित्तीय संकट से जूझ रहा है। ऐसे में सभी पार्षद 7 दिन के अंदर लिखित में अपने-अपने सुझाव दें, जिससे कि निगम को संकट से बाहर निकाला जा सके और राजस्व भी बढ़ाया जा सके।

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