जालंधर: पंजाब के नौजवानों में विदश जाने के काफी इच्छा होती है, लेकिन कनाडा-भारत के बीच चल रहे तनाव के कारण कनाड़ा जाने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है। सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संबंधों में सुधार नहीं हुआ तो इसका सीधा असर पंजाब से विदश जाने वाले नौजवानों पर पड़ेगा।
शिक्षा सलाहकारों के मुताबिक अगले साल कनाडा में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों की रुचि में 50-60 फीसदी की गिरावट आई है। यग गिरावट केवल कनाड़ा के कूटनीतिक संबंधों के कारण ही नहीं आई , इसके लिए जीवन-यापन की बढ़ती लागत, आवास संकट और रोजगार बाजार में मंदी भी जिम्मेदार है। सितम्बर, 2023 में जब कनाडा सरकार ने 2024 में छात्र परमिट आवेदनों में 35 प्रतिशत की कटौती की तभी से विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की जाने लगी।
कनाडा में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित पैरेंट्स
मिली जानकारी के मुताबिक 2025 सत्र में ग्रेजुएशन के लिए आवेदन सामान्य से केवल एक चौथाई रह गए हैं। खासकर वीजा और सुरक्षा संबंधित चिंताओं के कारण कई छात्र और उनके माता-पिता अब कनाडाई संस्थानों में आवेदन पर पुनर्विचार कर रहे हैं। वहीं, शैक्षिक परामर्श सेवाओं के अनुसार, 2025 सत्र के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में 50-60% तक की कमी आई है।
भारत और कनाडा के बीच चल रहा विवाद
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गिरावट सिर्फ राजनयिक तनाव के कारण नहीं है, बल्कि कनाडा में बढ़ती जीवनयापन लागत, आवास संकट और रोजगार के सीमित अवसरों ने भी छात्रों का आकर्षण कम किया है। 2021 से 2023 के बीच कनाडा भारतीय छात्रों के लिए सबसे लोकप्रिय डेस्टिनेशन था, लेकिन सितंबर 2023 में शुरू हुए कूटनीतिक तनाव ने हालात को बदल दिया।
कनाडा में भारतीयों के एडमिशन में कमी
कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। आवास संकट, वीजा प्रोसेसिंग में देरी, और वीजा नीतियों में बदलाव जैसी समस्याओं से यह गिरावट बढ़ रही है।
