लुधियानाः पंजाब में त्यौहारी सीजन के दौरान GST विभाग द्वारा लगातार कारोबारियों के रिकार्ड खंगाले जा रहे है। वहीं GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने 700 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बिलिंग जीएसटी धोखाधड़ी में शामिल दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान मनीष और उसके भाई अमित, गुरमुख सिंह कॉलोनी, मंडी गोबिंदगढ़ के निवासी के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर पहचान धोखाधड़ी के माध्यम से फर्जी फर्मों के निर्माण से जुड़ी एक धोखाधड़ी योजना के केंद्र में थे।
इस विस्तृत घोटाले ने फर्जी चालान और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावे उत्पन्न किए, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को 100 करोड़ रुपये से अधिक का कर घाटा हुआ। अधिकारियों के अनुसार, दोनों ने फर्जी फर्मों का एक जटिल नेटवर्क संचालित किया, जो धोखाधड़ी से प्राप्त आईटीसी को मध्यस्थ कंपनियों तक पहुंचाते थे। धोखाधड़ी की गई धनराशि को सात एपीएमसी खातों में भेज दिया गया, जहां से भाइयों ने मुख्य रूप से एक ही बैंक शाखा से 717 करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी की।
उनके आवासीय और आधिकारिक परिसरों पर छापे के दौरान विभिन्न व्यक्तियों से संबंधित डीजीजीआई ने 11 मोबाइल फोन, 7 पेन ड्राइव, 2 लैपटॉप, कई बैंक खातों से जुड़ी 56 चेक बुक, 27 पहचान दस्तावेज, 7 टिकट और 46 एटीएम कार्ड सहित महत्वपूर्ण मात्रा में सबूत जब्त किए। कथित तौर पर भाइयों ने धोखाधड़ी में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है और उन्हें 9 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच जारी रहने के कारण उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
डीजीजीआई लुधियाना अब फर्जी बिलिंग और कर चोरी से संबंधित इसी तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल अतिरिक्त डमी संस्थाओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अधिकारियों ने क्षेत्र में फर्जी बिलिंग के बढ़ते खतरे से निपटने के प्रयास तेज कर दिए हैं और निकट भविष्य में और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है।