नई दिल्लीः शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी प्रकार के सकारात्मक कार्यों में सिद्धि मिलती है। इसके साथ ही आय, सुख और सौभाग्य में समय के साथ बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा, साधक को शत्रुओं पर विजयश्री मिलती है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं। इस वर्ष 11 अक्टूबर को अष्टमी है। साधक नवमी तिथि को लेकर दुविधा हैं।
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 11 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, नवमी तिथि का समापन 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगा। 12 अक्टूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी। शारदीय नवरात्र की शुरुआत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। वहीं, समापन नवमी तिथि को होता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक है।
इसके अगले दिन दशहरा है। ज्योतिषियों की मानें तो सप्तमी और अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को है। हालांकि, अष्टमी तिथि का समापन 11 अक्टूबर को होगा। सप्तमी एवं अष्टमी तिथि एक साथ होने पर दुर्गाष्टमी अगले दिन मनाई जाती है। इस प्रकार 11 अक्टूबर को अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। वहीं, 11 अक्टूबर को दोपहर में नवमी तिथि शुरू होगी और 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे समाप्त हो जाएगी। इसके लिए शारदीय नवरात्र की नवमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। वहीं, 12 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।
