Loading...
- Advertisement -
Homeपहली बार 'Suicide Pod' के इस्तेमाल से महिला की मौत, कई गिरफ्तार

पहली बार ‘Suicide Pod’ के इस्तेमाल से महिला की मौत, कई गिरफ्तार

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

नई दिल्लीः स्विट्जरलैंड से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां अमेरिका की एक 64 वर्षीय महिला ने विवादास्पद ‘सरको’ कैप्सूल का उपयोग करके अपनी जान ले ली और ऐसा करने वाली वह पहली महिला बन गई। इस खबर के सामने आने के बाद दुनिया हैरान है। वहीं, इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि यह घटना सोमवार की है और स्विट्जरलैंड और जर्मनी की सीमा के पास एक जंगल में खास बक्से का इस्तेमाल कर घटना को अंजाम दिया गया।

इसी बक्से को सरको कैप्सूल कहते हैं। कैप्सूल ने स्विट्जरलैंड में कई कानूनी और नैतिक सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां सक्रिय इच्छामृत्यु पर प्रतिबंध है लेकिन सहायता से मरना दशकों से कानूनी है। आइए जानें कि आत्महत्या में इस्तेमाल होने वाला यह सरको पॉड क्या है। अंग्रेजी के शब्द सरकोफैगस के आधार पर इसे संक्षिप्त में सरको कहा जाता है।  सरकोफैगस का मतलब पत्थर का ताबूत होता है, जिसका आम तौर पर इस्तेमाल मिस्र, ग्रीस और रोम के प्राचीन लोग शवों को मकबरे में रखने के लिए करते थे।

इसे पेगासस और सुसाइड पॉड के नाम से भी जाना जाता है। दिखने में यह किसी आराम करने वाले कैप्सूल की तरह होता है, जैसा एयरपोर्ट पर लगा होता है। इसे थ्रीडी प्रिंटर के जरिए बनाया गया है, जो एक प्लेटफॉर्म पर रखा जाता है।इसमें तरल नाइट्रोजन का कनस्तर होता है, जिससे निकलने वाली गैस इंसान को धीरे-धीरे मार देती है। साल 2019 में पहली बार इस कैप्सूल को दुनिया के सामने लाया गया था। इसमें एक चिकित्सक की देखरेख में एक व्यक्ति अपना जीवन खत्म कर सकता है। पहली बार अब इसका इस्तेमाल हुआ है।

ऑक्सीजन न होने और नाइट्रोजन गैस के कारण हाइपोक्सिया से व्यक्ति की मौत हो जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक मरने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को पहले एक मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन से गुजरना होगा। इसके बाद वह कैप्सूल में लेट जाएगा, जिसका ढक्कन बंद कर दिया जाएगा। बटन दबाने से पहले उसे पॉड के ऑटोमैटिक सवालों का जवाब देना पड़ेगा। बटन दबाने के बाद यह पॉड नाइट्रोजन से भर जाता है। व्यक्ति बेहोश हो जाता है और 10 मिनट में उसकी मौत हो जाती है। पॉड के अंदर एक इमरजेंसी बटन भी है, जिसे दबाकर बाहर आया जा सकता है। स्विट्जरलैंड ने 1940 के दशक के बाद से सहायता प्राप्त आत्महत्या की इजाजत दी है।

बशर्ते सहायता करने वाले व्यक्ति को मरने वाले व्यक्ति से प्रत्यक्ष लाभ न हो रहा हो। यही कारण है कि इसे कई बार ‘मृत्यु पर्यटन’ कहा जाता है। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मन वैज्ञानिक और एग्जिट इंटरनेशनल से जुड़े संगठन लास्ट रिजॉर्ट के प्रमुख सदस्य फ्लोरियन विलेट महिला की मौत के एकमात्र गवाह हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि महिला की मौत, शांतिपूर्ण, तुरंत और सम्मानजनक थी। उन्होंने कहा कि महिला गंभीर बीमारियों के कारण लंबे समय से दर्द में थी। ऑस्ट्रेलियाई नागरिक और सरको पॉड के निर्माता फिलिप निश्चके ने कहा, ‘महिला ने स्विस जंगल में शांतिपूर्ण मौत का अनुभव किया। वह इसी तरह मौत चाहती थी।’ उन्होंने अनुमान लगाया कि महिला दो मिनट में बेहोश हो गई और पांच मिनट बाद उसकी मौत हो गई।

 

 

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page