जालंधर, ENS: महानगर के इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की 2 कॉलोनियों के 7 प्लाटों की अलाटमेंट में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन जगतार सिंह संघेड़ा ने ये दावा किया है कि महंगे प्लाट सस्ते में अलॉट किए गए हैं ओर प्लाटों की फाइलों से रिकॉर्ड चोरी हो गया था। फिर तहसील से प्लाटों की रजिस्ट्रियों का रिकॉर्ड निकलवाया गया है जिसमें गड़बड़ी मिली। इससे ट्रस्ट के मुलाजिमों, तत्कालीन अफसरों और प्लाट मालिकों की मुश्किलें बढ़ेंगी। वहीं दूसरी ओर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के मुलाजिमों पर हुई एफआईआर को लेकर ट्रस्ट के समूह स्टाफ हड़ताल पर चला गया है।
दरअसल, स्टाफ ने FIR रद्द करने की मांग की है। कर्मियों का कहना है कि बिना जांच के केस दर्ज किया गया है। कर्मियों का कहना है कि जब तक ये केस रद्द नहीं होता विरोध जारी रहेगा। वहीं कर्मियों के हड़ताल पर जाने की सूचना मिलते ही मौके पर प्रशासन के कुछ अधिकारी पहुंचे। जिन्होंने कर्मियों को शांत करवाकर मामले की जांच का आश्वासन दिया है। वहीं कर्मियों में अधिकारियों को मांग पत्र सौंपकर निष्पक्ष जांच की अपील की है।
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन संघेड़ा ने जानकारी देते हुए कहा कि प्लाट अलॉटमेंट में घोटाला हुआ है। अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी फिक्स की जानी है। दि पंजाब टाउन इंप्रूवमेंट एक्ट 1922 के तहत वह स्टाफ के कंट्रोल व पर्चा दर्ज कराने की अथॉरिटी हैं। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में करोड़ों के घोटाले में शामिल लोग ही दोषियों को शह दे रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार 3 अन्य केसों की भी जांच की जा रही है। इनमें भी पर्चा दर्ज कराने की तैयारी है। बोगस डाक्यूमेंट्स के साथ रजिस्ट्री कराने और रेवेन्यू कलेक्शन को लेकर नियमों का उल्लंघन हुआ है। ट्रस्ट चेयरमैन ने कहा है कि पूर्व ट्रस्ट चेयरमैन तथा अनिल कुमार नामक मुलाजिम इस मामले में शामिल थे।