Loading...
- Advertisement -
HomeEntertainmentमीडिया को दोषारोपण करने की बजाय बददी पुलिस सुधारे अपनी कार्यप्रणाली

मीडिया को दोषारोपण करने की बजाय बददी पुलिस सुधारे अपनी कार्यप्रणाली

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

पत्रकार के विरुद्व कार्यवाही करने की धमकी देना सही नहीं: डा. किशोर

बददी/ सचिन बैंसल : पुलिस जिला बददी अपनी कार्यप्रणाली को सुधारने की बजाय उसकी कमियों को उजागर करने वाली मीडिया को ही निशाना बना रही है। इससे समाज में सकारात्मक संदेश की बजाय यह बात जा रही है कि पुलिस यहां पर अपने काम सही ढंग से निष्पादन करने में नाकाम रही है। अगर मीडिया ने कुछ सच लिखा या खुलासा किया है तो उस पर चिंतन मनन होना चाहिए लेकिन उल्टा मीडिया कर्मियों को दोष देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडने का प्रयास किया जा रहा है। बददी पुलिस को उक्त नसहीतें देते भारत के सबसे बडे पत्रकार संगठन नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्टस इंडिया (एन.यू.जे) के पदाधिकारियों ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग उठाई है।

आज यहां जारी प्रेस बयान में एन.यू.जे (इंडिया) के प्रदेशाध्यक्ष डा. रणेश राणा, प्रदेश महामंत्री रुप किशोर, कोषाध्यक्ष ओमपाल सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सलीम कुरैशी, सुरेंद्र शर्मा, विपिन, आरुणि पाठक, प्रदेश सह सचिव सचिन बैंसल, बीबीएन जर्नलिस्टस एसोएिशन के अध्यक्ष श्याम मौदगिल, प्रेस क्लब नालागढ़ के अध्यक्ष सतविंद्र सैणी, सचिव अनिल कपूर, कोषाध्यक्ष मनीष पाल सिंह ठाकुर, हरिराम धीमान, अनवर, अजय रतन, श्वेता, जसविंद्र सैणी, पवन कौशल, तरुण गुप्ता, सुरेंद्र सोनी, बालकिशन शर्मा आदि ने कहा कि नालागढ़ के एक पत्रकार ने पुलिस की नाकामी व नालायकी को लेकर एक समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद बददी व नालागढ़ पुलिस को उस खबर का आत्मावलोकन करना चाहिए था कि यह हादसा क्यों हुआ व किसकी गलती थी।

नालागढ़ में महिला के साथ गलत काम होता है और दो माह तक मामला दर्ज नहीं होता तो इसमें किसका दोष है यह हर कोई जानना चाहता है। बददी पुलिस में महिला अधिकारी होने के बाद भी पीडिता को न्याय क्यों नहीं मिला इसकी न्यायिक जांच की मांग प्रेस संगठनों ने उठाई है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि अगर पत्रकार ने गलत खबर छापी है तो उसको नोटिस दिया जाना चाहिए था न कि पुलिस द्वारा उसको परोक्ष अपरोक्ष रुप से धमकाना चाहिए था। मीडिया की स्वतंत्रता पर आजादी लगाने के लिए पुलिस ने सेवानिवृत हो चुके जांच अधिकारी का विडियो दबाव में जारी करवाया  जो कि मामले में कुछ गोलमाल होने को दर्शाता है। रुप किशोर ठाकुर ने कहा कि इस मामले की सीआईडी व विजिलैंस को जांच करनी चाहिए कि आरोपियों को बचाने के लिए बददी पुलिस ने क्या क्या दबाब डाले व उनको क्यों बचाए जाने की कोशिश हुई।

क्या था मामला
11-2-2024 को थाना नालागढ़ में मामला दर्ज हुआ था।  शिकायत थी रेप किया एक महिला के साथ। जिसके बाद 20-02-2024 को 9 दिन बाद रेप का मामला दर्ज किया। महिला ने कोर्ट में ब्यान दिया फिर जाकर एफआईआर दर्ज की पुलिस ने। जिसके बाद जांच अधिकारी ने 2-04-2024 को रपट दर्ज की मुझ पर पुलिस अधिकारियों का दबाव आ रहा था कि आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं करना है और उसी माह रिटायरमेंट ले ली। महिला ने कोर्ट में भी शिकायत दी थी कि पुलिस समझौता करने के लिए दबाव बना रही है और जेल में डालने की धमकी दी जा रही है। इस मामले को नालागढ़ के कुछ पत्रकारों ने उजागर किया था। वहीं बददी पुलिस प्रमुख इल्मा अफरोज के कार्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान तत्कालीन आईओ का विडियो जारी हुआ जिसमें पुलिस के बडे अधिकारियों के किसी तरह के दबाव को नकारा गया। एसपी ने कहा कि बददी पुलिस नियमों कानूनो व संविधान अनुसार सही काम कर रही है व हर मामले की शिददत से जांच करती है।

- Advertisement - spot_img

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page