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बंगाणा में स्कूली बस का दरवाजा खुलने से नीचे गिरी किशोरी, मौत 

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बस का पिछला टायर चढ़ा किशोरी के सिर पर,पुलिस ने किया मामला दर्ज,जांच शुरू

ऊना/सुशील पंडित :उपमंडल बंगाणा से करीब एक किमी की दूरी पर गांव भलेती में स्कूली बस के नीचे आने से नन्ही बच्ची की मौत हो गई।शनिवार सुबह आठ बजे अपने स्कूल की बस के नीचे आने दस वर्षीय किशोरी की मौत हो गई है। 

वहीं बंगाणा पुलिस ने मौके पर जाकर घटना स्थल का जायजा लिया और बस और चालक को अरेस्ट करके किशोरी के शव के पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय ऊना भेज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार उपमंडल बंगाणा के शिवालिक पब्लिक स्कूल तनोह की स्कूल बस को चालक संजीव कुमार पुत्र होशियारी लाल गांव रिवाङ स्कूल के छात्रों को लेकर स्कूल जा रहा था। लेकिन जैसे ही भलेती गांव पहुंचा। वैसे ही बस का अगला दरवाजा अचानक खुल गया। जिस पर बंगाणा की हर्षिता (9)पुत्री विवेक शर्मा बस से नीचे गिर गई। और बस का पिछला टायर किशोरी के सिर से होकर गुजर गया। जव पास खड़े लोगों ने शोर मचाया व बस रुकवा कर चालक को घेर लिया तथा पुलिस को सूचित किया।

स्थानीय दुकानदारों का कहना है हालांकि स्कूल बस में छात्रों की संख्या कम थी। लेकिन प्रश्न यह है कि जब स्कूल बस में छात्रों की संख्या कम थी तो किशोरी बस के दरवाजे पर क्यों खड़ी थी? या बस की प्रथम सीट पर किशोरी बैठी थी और तेज रफ्तार में जब बस का दरवाजा खुला। तव किशोरी दरवाजे से नीचे गिर गई। 

हर्षिता की बहन सानवी पांचवी और भाई आरव यूकेजी में उसी स्कूल में पढ़ते है। आज हर्षिता की बड़ी बहन स्कूल नहीं गई थी। लेकिन छोटा भाई आरव शर्मा स्कूल बस में था। हर्षिता के पिता विवेक शर्मा प्राइवेट जॉब करते है और माता गृहणी है। शनिवार सुबह ही इस दुखद समाचार में पूरा बंगाणा बाजार शोक की लहर में डूब गया। 

 बंगाणा थाना प्रभारी अनिल उपाध्याय ने पुष्टि करते हुए बताया कि बंगाणा के भलेती में स्कूल बस के दरवाजा खुलने से नीचे गिरी किशोरी की मौके पर ही मौत हुई है। और उक्त किशोरी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। और धारा 336,279,304 के तहत मामला दर्ज करके स्कूल बस को कब्जे में ले लिया गया है और चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच की जा रही है। 

निजी स्कूलों पर नकेल कसने के लिए सरकार नहीं गंभीर,आए दिन हो रहे हादसे

निजी स्कूल बसों की मनमानी ओवर स्पीड और निजी स्कूली बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार भी गंभीर नहीं दिख रही। क्या निजी स्कूलों की गाड़ियों में जिन के बच्चे आते जाते है उन गाड़ियों का फिटनेस प्रमाण पत्र है। जब हर दिन निजी स्कूलों की गाड़िया दुर्घटनाग्रस्त हो रही है। सरकार को चाहिए कि  उपमंडल स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश देकर निजी स्कूली गाड़ियों की रूटीन चैकिंग हो ? ताकि बच्चे सुरक्षित रहें। 

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