
जिसे इस्तेमाल ही किया जा सके। जनता की परेशानी तभी दूर हो सकती है जब इस सड़क को युद्धस्तर पर बनाया जाए। इस सड़क के टूटने में आस पास के क्रशरों का भी बड़ा योगदान है। इस मार्ग पर रोजाना सैकड़ों ओवरलोड टिप्पर गुजरते हैं। सड़क का निर्माण इतने भारी वाहनों के लिए नहीं हुआ था। सड़क पर किसी भी प्रकार की भार सीमा का भी पालन नहीं हो रहा। इसलिए बार बार यह सड़क टूट रही है। रोजाना हो रहे हैं हादसे टूटी हुई सड़क को टुकड़ों में बनाया जा रहा है जिससे ट्रैफिक की रफ्तार भी धीमी हो गई है।
आए दिन यहां सड़क हादसे हो रहे हैं। खासकर दोपहिया वाहनों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। जिन लोगों को रीढ़ की हड्डी में समस्या है उन्हें इस सड़क को पार करते समय परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। गड्डे इतने गहरे हैं कि वाहनों की बॉडी, बंपर और शॉकर टूट रहे हैं। इस मार्ग पर एक लेन पर दो लेन की ट्रैफिक डाल दी गई है जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति में फंसे हुए वाहन चालक एक दूसरे से उलझ भी पड़ते हैं। कई बार ड्राइवरों में लड़ाई भी हो चुकी है। वाहनों के आपस में टकराने की खबरें भी आ रही हैं।
बुधवार को दो ट्रक भी आपस में टकरा गए थे जिससे रहा सहा मार्ग लगभग एक घंटे तक बाधित रहा। टाहलीवाल थाना प्रभारी अशोक कुमार ने पुलिस पार्टी को भेजा और उसने जाकर जाम खुलवाया। जनता की लोक निर्माण विभाग से यही मांग है कि सड़क को जल्द से जल्द बनाया जाए और पुलिस से भी जनता ने ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है।