इस राष्ट्रीय संस्थान का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 दिवसंबर में किया था। इस संस्थान का उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग पेयजल, स्वच्छता व सेनिटेशन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से जन जागरूकता फैलना है। स्वच्छ भारत व जल जीवन मिशन के तहत यह कार्य किया जाएगा। डॉ. एसके शर्मा ने कहा कि सेवानिवृत्ति के उपरांत इस प्रतिष्ठित संस्थान में अपने दायित्व का वह पूरी तनमयता के साथ निर्वाहन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रमुख लक्ष्य लोगों को खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना है। वहीं, स्वच्छता पर भी उनका ध्यान पूरी तरह से केंद्रित है। डॉ. एसके शर्मा का डॉ. श्यामा प्रशाद मुखर्जी राष्ट्रीय जल एवं स्वच्छता संस्थान के माध्यम से वह निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए केंद्रित होकर कार्य करेंगे।
डॉ एसके शर्मा का डॉ. श्यामा प्रशाद मुखर्जी संस्थान में साईंटिस्ट के रूप में हुआ चयन
ऊना/ सुशील पंडित: जल शक्ति विभाग से सेवानिवृत चीफ इंजीनियर जिला ऊना के निवासी डॉ. एसके शर्मा का डॉ. श्यामा प्रशाद मुखर्जी राष्ट्रीय जल एवं स्वच्छता संस्थान में साईंटिस्ट ग्रेड एफ के रूप में चयन हुआ है। आईआईटी रूडकी से पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले डॉ. एसके शर्मा जल शक्ति विभाग में चीफ इंजीनियर के पद से 2023 में सेवानिवृत्त हुए थे। जल शक्ति विभाग में उन्होंने ऊना, हमीरपुर व प्रदेश के अन्य जिलों में 33 वर्ष से अधिक अपनी सेवाएं प्रदान की है। इस दौरान उनका जल आपूर्ति, स्वच्छता, सीवरेज व डै्रनेज सेक्टर में शानदार कार्य रहा है। सेवानिवृति के उपरांत डॉ. एसके शर्मा का अब डॉ. श्यामा प्रशाद मुखर्जी राष्ट्रीय जल एवं स्वच्छता संस्थान कोलकत्ता में वैज्ञानिक के रूप में चयन हुआ है। उनका यह कार्यकाल 5 वर्ष का रहेगा।
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