ऊना/सुशील पंडित : राज्य में जारी राजनीतिक संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी ने सुक्खू सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। शनिवार को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की टीम ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कांग्रेस सरकार को अपनी ही गारंटियों में दबा हुआ बताया। टीम का कहना था कि कि सरकार ने भारी भरकम गारंटियां बताकर जनता को झांसे में लिया था। सत्ता मिलने के बाद जब वो गारंटियां पूरी करना भारी पड़ने लगा तो सरकार टूटने लगी। गारंटियों का बोझ कांग्रेस विधायकों को अधीर कर रहा था। कांग्रेस विधायक नाराज होते गए और धीरे धीरे उन्होंने अपनी ही सरकार से किनारा करना सही समझा।
पिछले 14 महीनों की बात करें तो सरकार तानाशाही रवैये के साथ आगे खिसक रही थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू अपने चहेतों को लाभ पहुंचाते जा रहे थे और कांग्रेस के बाकी विधायक पिछड़ा और उपेक्षित महसूस करने लगे। यही लाभ उनके लिए हानि लेकर आया। चहेतों को लाभ पहुंचाना बहुत महंगा पड़ गया। अपनी ही सरकार की उपेक्षा बागी विधायकों को राज्य के हित में खड़े होने को मजबूर कर गई। उन कांग्रेसी विधायकों ने अपनी अंतरात्मा की सुनी और हिमाचल पर थोपे जा रहे बाहरी नेतृत्व को नकार दिया।
उन 6 विधायकों को इसी बात का दर्द था कि उनकी पार्टी राज्यसभा के लिए एक हिमाचली चेहरा भी ढूंढने में नाकाम रही। एक नेता को राज्यसभा भेजना भी जिस पार्टी के लिए मुश्किल हो रहा हो उसके साथ कब तक निभने वाली थी। यही कारण था कि उन 6 विधायकों ने हिमाचली के हित के लिए अपने हित दांव पर लगा दिए। इसलिए अब यह सरकार थोड़े दिनों की मेहमान है। प्रेस विज्ञप्ति में युवा मोर्चा के जिला प्रवक्ता विकास पुरी, उपाध्यक्ष जयबीर सिंह ठाकुर, ऊना मंडल प्रधान रुपिंद्र सिंह देहल, अनीश ठाकुर, हरप्रीत सिंह, संदीप टिकड़ा, बलराम भारद्वाज व अन्य मौजूद रहे।
