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बड़ा झटकाः महंगी होगी शराब, CM कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को दी मंजूरी

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लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें 20 प्रस्ताव रखे गए, जिसमें 19 प्रस्ताव को कैबिनेट ने पास किया। NCR में फ्लैट की चाहत रखने वालों का इंतजार खत्म होगा। कैबिनेट ने NCR में अधूरे पड़े 2.40 लाख फ्लैट को पूरा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बढ़ते साइबर अपराधों के खिलाफ पुलिस को मजबूत करने के लिए 57 शहरों में साइबर थानों को मंजूरी दी गई है। वहीं, 2024 में लोगों को महंगी शराब मिलेगी। साथ ही प्रदेश में रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर भी प्रीमियम ब्रैंड की शराब बिक सकेगी। सक्षम स्तर से अनापत्ति मिलने पर वहां रिटेल स्टोर स्थापित किए जा सकेंगे। हालांकि, इन दुकानों में प्रवेश और निकास मुख्य भवन के भीतर ही होगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आबकारी नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी गई है। नई नीति 1 अप्रैल से लागू होगी। नई नीति में अंग्रेजी शराब, मॉडल शॉप और बीयर शॉप की सालाना लाइसेंस फीस में 10% की वृद्धि की गई है। रिन्यूअल और प्रोसेसिंग फीस में भी बढ़ोतरी हुई है। देसी शराब का भी कोटा बढ़ाया गया है। इससे शराब महंगी हो सकती है। देसी शराब के पव्वे में करीब 7 रुपये की बढ़ोतरी का अनुमान है। अगर किसी के पास बार का लाइसेंस है और वह उस भवन के दूसरे परिसर या टेरेस में बार काउंटर स्थापित करना चाहता है तो लाइसेंस का 25% या 2.5 लाख रुपये देकर (जो अधिक हो) अनुमति ले सकेगा। बीयर शॉप के 20 मीटर के अंदर अगर 100 वर्ग मीटर का परिसर है तो वहां पीने के लिए सिटिंग एरिया बनाया जा सकेगा। इसके लिए 5000 रुपये सालाना शुल्क देना होगा।

पुलिस या कोई एजेंसी बिना आबकारी विभाग की अनुमति से शराब, भांग या बीयर की दुकान बंद या सील नहीं करा सकेगी, न ही बिना अनुमति के दुकान का निरीक्षण कर सकेगी। आबकारी विभाग के अधिकारियों के अलावा कोई अन्य एजेंसी निरीक्षण करती है तो उसे इसकी विडियोग्रॉफी करानी होगी। एसजीपीजीआई में प्रदेश का पहला एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर बनेगा। यहां बच्चों की विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों का इलाज हो सकेगा। कैबिनेट ने इसके पहले फेज के लिए 199 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीजीआई में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा की थी। सेंटर कुल 573 बेड का होगा और इसमें 23 विभाग खोले जाएंगे। पहले चरण में 12 विभाग खुलेंगे व 308 बेड की सुविधा विकसित की जाएगी। पूरे प्रॉजक्ट पर करीब 500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए साइबर क्राइम के मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश के 57 जनपदों में साइबर क्राइम थाने खोले जाएंगे। इस फैसले के साथ ही प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर क्राइम थानों की मौजूदगी हो जाएगी। फिलहाल, प्रदेश के सभी 18 मंडलों में साइबर क्राइम थाने मौजूद हैं। अभी तक आईजी स्तर का अधिकारी इन थानों को देखता था, लेकिन सभी जनपदों में साइबर क्राइम थाने स्थापित होने के बाद पुलिस अधीक्षक इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे। वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए सभी 75 जनपदों में साइबर थानों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। 18 मंडल मुख्यालयों में पहले से ही साइबर थाने मौजूद हैं, अब बाकी बचे 57 जनपदों में भी थाने स्थापित करने का बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार तेजी से इस पर काम करने जा रही है और जल्द ही थाने खोले जाएंगे।

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