नई दिल्ली : कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की नाक तले एक बार फिर भारत विरोधी घिनौनी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। यहां खालिस्तान समर्थकों ने ओटावा में दशहरा पर्व वाले दिन तिरंगे में लिपटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय दूतावास के अधिकारियों के पुतले जलाए । इन्हें जलाते समय खालिस्तानी भारत और हिंदू विरोधी नारे भी लगा रहे थे। इस घटना के बाद से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो फिर से अलोचनाओं में घिर गए हैं। लोग उनसे पूछ रहे हैं कि क्या वह इसी तरह से अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं।
ट्रूडो सितंबर में हुए जी-20 सम्मेलन के लिए भारत आए थे। यहां पर सम्मेलन के खत्म होने के बाद उन्होंने खालिस्तानी तत्वों की अपने देश में मौजूदगी पर जवाब दिया और इसे अभिव्यक्ति की आजादी करार दे डाला था। ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विवेक की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और यह बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन साथ ही कनाडा हिंसा को रोकने और नफरत को पीछे धकेलने के लिए भी काम करता रहेगा।