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पंजाबः डेंगू ने ली पूर्व इंस्पेक्टर गुरमीत पिंकी कैट की जान 

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सरहिंदः पंजाब के चर्चित पुलिस कैट गुरमीत पिंकी की मौत होने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पिंकी को डेंगू हुआ था, जिसके बाद उसके प्लेटलेट्स घट गए थे। इस दौरान बीमार चल रहे पिंकी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक वह खरड़ के नजदीक सरहिंद में बने फार्म हाउस में ही रहता था। पिंकी का अंतिम संस्कार बेटी के विदेश से लौटने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। पंजाब में आतंकवाद के दौरान गुरमीत सिंह पिंकी को पुलिस मुखबिर माना जाता था। जिसे बाद में पुलिस इंस्पेक्टर बना दिया गया। इसके बाद 2001 में उसने लुधियाना के एक युवक अवतार सिंह उर्फ ​​गोला को सिर्फ रास्ता पूछने पर गोली मार दी थी। इस आरोप में उसे उम्रकैद की भी सजा हुई।

हालांकि किसी तरह वह 7 साल के बाद ही जेल से बाहर आ गया। इससे पहले पिंकी कैट ने पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषियों को गिरफ्तार करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। जिसके लिए मेडल भी मिला था। पिंकी पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी का करीबी माना जाता था। लुधियाना रेंज आईजी रहे गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने पिंकी को पुलिस की नौकरी में बहाल कर दिया था। मगर मीडिया में खबर आने के बाद उसे रातों-रात फिर से बर्खास्त कर दिया गया था। पिंकी ने पुलिस वीरता पदक भी जीता था। हत्या के केस में नाम आने के बाद से पिंकी विवाद में रहा। एक बार दावा किया था कि उनके पास पंजाब में आतंकवाद के दौरान हुई 52 फर्जी मुठभेड़ों के सबूत हैं। जिसके बाद से पंजाब में सियासत काफी गरमा गई थी।

पिंकी को कोर्ट ने हत्या के केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मगर 7 साल, 7 महीने बाद कोर्ट ने उन्हें पैरोल ग्रांट की थी। जिसके बाद वह 486 दिनों तक जेल से बाहर रहा। पिंकी पहली बार 4 अप्रैल 2008 को दो हफ्ते के लिए पैरोल पर आया था। जिसमें 52 दिन बढ़ाए गए और 31 मई 2008 को वह वापस जेल आया। 25 मई 2009 को वह फिर से चार सप्ताह के लिए पैरोल पर बाहर आया। जिसे दो बार बढ़ाया गया। तब करीब 143 दिनों तक पिंकी जेल से बाहर रहा। फिर वह 18 अक्टूबर 2009 को जेल वापस लौट गया। इसके बाद 2011 से 2012 तक तीन बार जमानत मिली और 112 दिनों तक जेल से बाहर रहा।

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