बेंगलुरु: कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कई सालों से कावेरी नदी जल विवाद चल रहा है जो रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस विवाद की वजह से दोनों राज्यों की आम जनता को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। तो वहीं कई बार इस विवाद को लेकर हिंसा भी देखी गई है। बता दें कि कावेरी नदी जल बंटवारा विवाद पर तमिलनाडु बनाम कर्नाटक मामले में तमिलनाडु की शिकायत के खिलाफ कर्नाटक ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
अपनी अर्जी में कर्नाटक ने कहा है कि वो तमिलनाडु को 27 सितंबर तक प्रतिदिन 5000 क्यूसेक पानी नहीं दे सकता। कर्नाटक ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के 18 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने के निर्देश देने की गुहार लगाई है। इस मामले को देखते हुए कन्नडा ओकुट्टा ने शुक्रवार यानी 29 सितंबर को कर्नाटक बंद का आह्वान किया है। हालांकि इससे पहले एक अन्य संगठन ने मंगलवार 26 सितंबर को देश के आईटी हब बेंगलुरु में बंद का आह्वान किया था। इस बंद को शहर के कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया था। लेकिन जब ओकुटा ने शुक्रवार को राज्य बंद का ऐलान किया तो तमाम एसोसिएशनों मंगलवार को बेंगलुरु बंद से अपना समर्थन वापस ले लिया।
बता दें कि कन्नडा ओकुट्टा कन्नड़ अधिकारों की लड़ाई के लिए जाना जाता है। इसमें प्रदेशभर के लगभग 90 संगठन आते हैं। यह बेहद ही बड़ा और प्रभावशाली गुट माना जाता है। इस बंद को लेकर आज एक बैठक हुई, जिसमें वटल नागराज के द्वारा 29 सितंबर को टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक विरोध मार्च की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने राज्य भर में शुक्रवार को बुलाए गए बंद के लिए ट्रांसपोर्ट यूनियनों, फिल्म चैंबर, मॉल मालिकों और स्कूल और कॉलेज यूनियनों से भी समर्थन मांगा है।