Loading...
- Advertisement -
HomeEntertainment हिमाचल प्रदेश के उद्योग संकटग्रस्त स्थिति से गुजर रहे हैं: बी.बी.एन.आई.ए

 हिमाचल प्रदेश के उद्योग संकटग्रस्त स्थिति से गुजर रहे हैं: बी.बी.एन.आई.ए

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

हर क्षेत्र में उद्योगों किया जा रहा है अनदेखा और थोपा जा रहा टैक्स का जंजाल: राजीव अग्रवाल

बीबीएन इंडस्ट्रीज एसोसिशन ने उद्योगों की अनदेखी पर जताया गहरा रोष

बददी/सचिन बैंसल: हिमाचल प्रदेश के उद्योग इस समय घोर संकट से गुजर रहे हैं। अगर प्रदेश सरकार ने समय रहत स्थिति न संभाली तो उद्योग तो बर्बाद होंगे या पलायन करने पर मजबूर होंगे। पडोसी राज्यों में औद्योगिक निवेश का जो माहौल है और वहां पर सरकारें जिस तरह से उद्योगों को आमंत्रित कर रही है उससे हिमाचल सरकार को सोचने पर मजबूर होना पडेगा। यह बात आज यहां जारी प्रेस बयान में हिमाचल प्रदेश के सबसे बडे उद्योग संघ बीबीएन इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने कही।  उन्होने कहा कि राज्य की समृद्धि का एक महत्वपूर्ण अक्स उद्योग जगत होता है, लेकिन अक्सर हमें अनदेखा किया गया दशकों से। हिमाचल प्रदेश में उद्योग इसकी आर्थिक वृद्धि और विकास के अज्ञात नायक रहे हैं। हालाँकि, यह क्षेत्र वर्तमान में चुनौतियों की एक श्रृंखला से जूझ रहा है जो न केवल इसके अस्तित्व को खतरे में डालता है बल्कि हमारे खूबसूरत राज्य के व्यापक आर्थिक परिदृश्य को भी खतरे में डालता है, खासकर हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावित राज्य घोषित किए जाने के संदर्भ में। उन्होने कहा कि आज प्रदेश विशेषकर बददी बरोटीवाला नालागढ का उद्योग जगत समस्याओं की चक्की में पिस कर रह गया है। प्रदेश में ये उद्योग जैसे कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, सफेद सामान, ऑटो घटक और कई अन्य उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे हैं, प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लाभकारी रोजगार प्रदान करते हैं, नवाचार को बढ़ावा देते हैं, और स्थानीय और क्षेत्रीय व्यापार को मजबूत करते हैं और आर्थिक उन्नयन में बहुत योगदान दिया है। उन्होने कहा कि आज हमें हर तरफ से पीसा जा रहा है आटा चक्की की तरह और राज्य में उद्योग चलाना आज एक मिशन बन चुका है। हिमाचल कहने को विद्युत राज्य है लेकिन उद्योगों की विद्युत दरें दूसरे राज्यों से ज्यादा हो चुकी है। हाल ही में सरकार ने बिजली डयूटी में 2 से लेकर 19 प्रतिशत की वृद्वि की है।

बिजली शुल्क में भारी बढ़ोतरी के साथ-साथ दावा  की गई रियायतों की वापसी ने हमारे औद्योगिक परिदृश्य को सदमे में डाल दिया है। यह अप्रैल 2023 में टैरिफ में लगभग 50 पैसे प्रति यूनिट की औसत वृद्धि के बारे में है । यहां तक कि जनरेटर सेट या यहां तक कि सौर मोड द्वारा कैप्टिव उत्पादन पर भी, 45 पैसे प्रति यूनिट का बिजली शुल्क लगाया गया है। देश में कहीं भी हरित ऊर्जा पर इस तरह का कोई शुल्क नहीं लगाया गया है। राजीव अग्रवाल ने कहा कि राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रांसपोर्टरों के बीच एकाधिकारवादी प्रथाओं के भाडा लागत पहले से ही बढ़ी हुई थी। हाल ही में डीजल पर वैट 9.90 फीसदी से बढ़ाकर 13.9 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे डीजल की कीमतों में अचानक अत्यधिक वृद्धि हुई है, जिससे उद्योगों पर बोझ बढ़ गया है, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हुई है। इस उछाल ने लागत के बोझ को और बढ़ा दिया है और राज्य में परिवहन क्षेत्र की एकाधिकारवादी प्रथाओं के कारण क्षेत्र के उद्योगों को 30 से 40 प्रतिशत अधिक ट्रांसपोर्ट किराया देना पड रहा है।

राजीव अग्रवाल ने आगे कहा कि हाल के महीनों में अतिरिक्त माल कर (एजीटी) और सडक़ द्वारा ले जाने वाले कुछ सामानों पर कर (सीजीसीआर कर) (सीजीसीआर) की दर बढ़ाने और इसे विभिन्न उद्योगों पर लगाने के राज्य सरकार के फैसले ने हमारे उद्योगों की समस्याओं को बढ़ा दिया है। एजीटी और सीजीसीआर लगाने से अतिरिक्त वित्तीय बोझ पैदा हुआ है, जिससे लाभ मार्जिन और परिचालन दक्षता प्रभावित हुई है। देश में कहीं भी इस तरह के टैक्स नहीं लगाए जा रहे हैं और हिमाचल का उद्योग इस कारण से भी अप्रतिस्पर्धी हो गया है। हिमाचल प्रदेश में जनशक्ति लागत अब इस क्षेत्र में सबसे अधिक हो गई है, जिससे हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो गई है। हिमाचल प्रदेश में मासिक न्यूनतम मजदूरी हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी राज्यों की तुलना में लगभग 10प्रतिशत अधिक है , जिससे कुशल कार्यबल बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। अग्रवाल ने आगे कहा कि अत्यधिक परमिट शुल्क औद्योगिक परिवहन में बाधा है। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में राज्य के बाहर पंजीकृत बसों के लिए परमिट शुल्क में वृद्धि से उद्योगों पर काफी वित्तीय बोझ पड़ा है। हिमाचल प्रदेश में बसों के लिए परमिट शुल्क अब हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी राज्यों की तुलना में लगभग दस गुना अधिक है।

बददी का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र बरोटीवाला नालागढ़ (बीबीएन), अपनी औद्योगिक प्रमुखता के बावजूद, कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचागत चुनौतियों का सामना करता है। इन चुनौतियों में अपर्याप्त सडक़ बुनियादी ढांचे, गंभीर यातायात भीड़, निर्यात के लिए घरेलू बाजारों और बंदरगाहों तक माल परिवहन के लिए रेल कनेक्टिविटी की कमी और औद्योगिक श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए खराब आवास सुविधाएं शामिल हैं। जबकि चार-लेन राजमार्ग के पूरा होने में देरी एक बड़ी बाधा थी, हाल ही में प्रमुख संपर्क पुलों के ढहने से दैनिक उद्योग यात्रियों और माल के परिवहन में परेशानियां कई गुना बढ़ गई हैं। एक के बाद एक आने वाली सरकारें इस क्षेत्र की बुनियादी ढांचे की समस्याओं पर उचित ध्यान नहीं दे पाईं। बीबीएन क्षेत्र की पूरी क्षमता को अनलॉक करने के लिए इन बुनियादी ढांचे के मुद्दों को संबोधित करना सर्वोपरि है।

बी.बी.एन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में मैं त्वरित कार्रवाई के लिए हमारे औद्योगिक समुदाय की एकीकृत आवाज को दोहराता हूं। हमारे उद्योग हमारे राज्य की जीवनधारा हैं, जो इसकी अर्थव्यवस्था, रोजगार, विकास और समृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। अपने आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने और हिमाचल प्रदेश की समृद्धि की रक्षा के लिए, हम राज्य सरकार से हालिया अधिसूचनाओं पर पुनर्विचार करने और उद्योग पर कोई और वित्तीय बोझ डालने से बचने का आग्रह करते हैं। हम राज्य सरकार से भी आग्रह करते हैं कि वह पहले की तरह उद्योग को साथ लेकर चलती रहे, क्योंकि यह राज्य की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभों और हितधारकों में से एक है।यह पहचानना जरूरी है कि हमारे उद्योगों के सामने आने वाली चुनौतियाँ औद्योगिक क्षेत्र से भी आगे निकल जाती हैं।

उनके प्रभाव हिमाचल प्रदेश के हर पहलू पर पड़ रहे हैं, जिससे अनगिनत व्यक्तियों और समुदायों की आजीविका प्रभावित हो रही है। सरकार, राज्य के लोगों और उद्योगों को औद्योगिक विकास की उस विरासत की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए जिसे हमारे राज्य ने वर्षों की कड़ी मेहनत से विकसित किया है। आइए याद रखें कि हिमाचल प्रदेश में उद्योग केवल उद्यम नहीं हैं; वे हमारे राज्य की आर्थिक जीवन शक्ति की जीवनधारा हैं। वे वह माध्यम हैं जिसके माध्यम से हम रोजगार पैदा करते हैं, बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हैं, और राज्य के साथ-साथ इसके लोगों के लिए प्रगति करते हैं। हम राज्य सरकार से ऐसा करने में उनका समर्थन और पोषण करने का आग्रह करते हैं; हिमाचल प्रदेश और इसके लोगों तथा भावी पीढय़िों के लिए एक समृद्ध और संपन्न भविष्य सुनिश्चित करेगा।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page