चंडीगढ़ः नागपंचमी का पावन पर्व 21 अगस्त को है। पंचमी तिथि का प्रारंभ रविवार 20 अगस्त को रात 12 बजकर 24 मिनट से शुरू हो रहा है। चंडीगढ़ सेक्टर-30 स्थित श्री महाकाली मंदिर के भृगु ज्योतिष केंद्र के प्रमुख बीरेंद्र नारायण मिश्रा ने बताया कि यह अगले दिन 21 अगस्त की रात 1 बजे तक रहेगा। 18 अगस्त को शुक्र का उदय हो रहा है। नागपंचमी का पर्व सोमवार के दिन और अधिकमास के बाद आ रहा है। ऐसा संयोग 24 साल बाद बन रहा है।
उन्होंने कहा कि 21 अगस्त को सुबह 5 बजकर 56 मिनट पर सिंह लग्न, कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में सूर्योदय होगा। इस दिन बुध आदित्य योग बन रहा है। यह योग सभी के लिए फल देने वाला है। बीरेंद्र नारायण कहा कि जिसकी कुंडली में सर्प दोष के कारण घर में कलह, संतान उत्पति में बाधा और बीमारियों से ग्रस्त होने के कारण परेशानी हो उसे इस दिन भगवान शिव को कुशा के जल से अभिषेक करना चाहिए। ऐसे में सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। संतान उत्पति में बाधा होने पर गाय के दूध से भगवान का अभिषेक करें। जिसकी कुंडली में कालसर्प योग हो वह व्यक्ति को चांदी, तांबे और लोहे के बने 108 सर्प को भगवान शिव पर चढ़ाएं।
