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पंजाबः आज़ादी के बाद यह जिला रहा था 2 दिन तक पाकिस्तान का हिस्सा, देखें वीडियो

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गुरदासपुरः स्वतंत्रता दिवस को लेकर पंजाब सहित देश वासियों में भारी उत्साह है। ऐसे में इतिहास के पन्नों को खोलकर देखा जाए तो कई रोचक तथ्य सामने आते हैं। इसके बारे में गुरदासपुर  जिले के हिस्टोरीकल सोसायटी के प्रधान और रिटायर्ड प्रोफेसर राज कुमार शर्मा ने बताया के पंजाब का सबसे संवेदनशील जिला गुरदासपुर और पठानकोट देश से एक दिन पहले 15 अगस्त को ही आजाद हो गए थे। लेकिन 2 दिन बाद इन्हें भारत में शामिल किया गया। दरअसल, बंटवारे के समय पहले गुरदासपुर को पाकिस्तान में शामिल कर दिए गया था। उस वक्त पठानकोट भी गुरदासपुर जिले की ही तहसील हुआ करता था। पाकिस्तान ने गुरदासपुर का चार्ज लेने के लिए अपने डीसी और एसपी भी रवाना कर दिए थे। दो दिन तक गुरदासपुर पाकिस्तान का हिस्सा रहा था।

शकरगढ़ पाकिस्तान और बाकी 3 तहसील भारत में शामिल

15 अगस्त, 1947 को देश आजाद होने के बाद 16 अगस्त को जिला गुरदासपुर की चार तहसीलों में एक शकरगढ़ को पाकिस्तान में रखा गया और पठानकोट तहसील (मौजूदा समय में जिला) सहित बाकी हिस्सा भारत में घोषित किया गया। इस बात को 17 अगस्त को सार्वजनिक किया गया। इस फैसले के बाद जिला गुरदासपुर में मौजूद मुस्लिम बिरादरी को सुरक्षित पाकिस्तान पहुंचाने के लिए गांव पनियाड़ में रिफ्यूजी कैंप लगाया गया था। इस कैंप में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु भी पहुंचे थे। यह कैंप दो महीने तक संचालित किया गया।

गुरदासपुर में थी 56.4 फीसदी मुस्लिम आबादी 

1947 में भारत-पाक बंटवारे के दौरान पंजाब के बंटवारे के लिए रैडक्लिफ कमीशन बनाया गया जिसका अध्यक्ष ब्रिटिश बैरिस्टर सिरिल रैडक्लिफ को बनाया गया। उन्होंने बंटवारे के लिए 1941 में हुई जनगणना को आधार बनाया। उस वक्त जिला गुरदासपुर में 56.4 फीसद मुस्लिम आबादी थी। ऐसे में गुरदासपुर को पाकिस्तान का हिस्सा बनाया गया। उस समय गुरदासपुर में चार तहसील गुरदासपुर, बटाला, पठानकोट और शकरगढ़ शामिल थीं। शकरगढ़ तहसील रावी दरिया के पार पाकिस्तान की ओर थी।

17 अगस्त को भारत में किया गया था शामिल

इसलिए गुरदासपुर जिले को 17 अगस्त में भारत मे शामिल करने का फैसला लिया गया था जिसके बाद यह जिला भारत का हिस्सा बना क्योंकि अगर गुरदासपुर पाकिस्तान में चला जाता तो इसकी पठानकोट तहसील को अब जिला बन चुकी है उसी से होकर रास्ता जम्मू कश्मीर के लिए जाता है इस लिए जम्मू कश्मीर को भारत के साथ रखने के लिए भी गुरदासपुर भारत के साथ रहना जरूरी था।

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