माछीवाड़ा साहिब: नजदीकी गांव मानेवाल में बुड्ढा नदी की बाढ़ के पानी में बह गए नाबालिग लड़के सुखप्रीत सुखी (16) का शव आज कुछ दूरी पर खेतों में मिला। जिससे उसका पालन-पोषण कर रहे बुजुर्ग दादा-दादी पर दुखों का कहर टूट पड़ा। 10 जुलाई को सुखप्रीत बुड्ढे दरिया के पास मोटरसाइकिल चलाकर सड़क पर बह रहे पानी के बीच से गुजर रहा था।
जिस कारण उसका पैर फिसल गया और वह पैन के तेज बहाव में बह गया। हालांकि उस समय गोताखोरों ने भी उसकी तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चला। गांव के पूर्व सरपंच गुरप्रीत सिंह गोपी ने बताया कि आज जब खेतों में पानी का स्तर कम हुआ तो एक व्यक्ति ने इस लड़के का शव देखा, जिस पर उसे तुरंत बाहर निकाला गया।
सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक पोते का शव देख उसके दादा चरण दास और दादी रो-रोकर बेहाल हैं। दोनों बुजुर्ग उस बुरे वक्त को कोस रहे थे कि उनका पोता तेज बहाव वाले पानी में क्यों चला गया था। दादा चरण दास ने बताया कि उनके पोते सुखप्रीत सुखी के पिता की 4 महीने पहले मौत हो गई थी और वह अभी इस दुख से उबर भी नहीं पाए थे कि अब उनका आखिरी सहारा भी बाकी रह गया है।
चरण दास ने बताया कि पोता सुखप्रीत माछीवाड़ा में एक दुकान पर काम करता था, जिससे परिवार का गुजारा चलता था, लेकिन उसकी मौत से सब कुछ खत्म हो गया है। बुजुर्ग ने कहा कि उन्हें भगवान और सरकार पर भरोसा है कि इस कठिन समय में वे उनकी यथासंभव मदद करेंगे। मृतक सुखप्रीत सुखी 2 बहनों का इकलौता भाई था। जबकि एक बहन उसके साथ और दूसरी उसकी मां के साथ रहती है जो परिवार से अलग हो चुकी है।