चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार आज उनके खेत में किया जाएगा। प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार दोपहर 1 बजे होगा। उनके पार्थिव शरीर को कल मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव पहुंचा दिया गया था। वहीं आज पिता की अंतिम विदाई से पहले सुखबीर बादल और हरसिमरत बादल लिपटकर रोने लगे। बताया जा रहा है कि प्रकाश सिंह बादल के अंतिम दर्शन करने के लिए सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे। प्रकाश सिंह बादल के अंतिम दर्शन करने के लिए एनसीपी के नेता शरद पवार सहित श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी गांव बादल पहुंचे हैं।
बादल गांव में किन्नू के बाग में जगह समतल करके करीब 50 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा एक चबूतरा तैयार किया गया है जहां प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार होगा। बाद में इसी चबूतरे को स्मारक में बदल दिया जाएगा और यहां बादल की यादगार बनेगी। गांव बादल में आने-जाने वाले हर व्यक्ति की पुलिस प्रशासन द्वारा सख्ती से जांच की जा रही है। बादल निवास से 100 मीटर पहले ही हर आने-जाने वाले व्यक्तियों की तलाशी ली जा रही है। वहीं बादल निवास के आगे भी डिटेक्टिव मशीन से स्कैन कर हर किसी अंदर भेजा जा रहा है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके। बादल निवास के अंदर भी भारी फोर्स तैनात है।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सलाहकार हरचरन सिंह बैंस भी भावुक दिखे। बैंस ने कहा कि बादल हमेशा अपने पारिवारिक सदस्य की तरह उन्हें प्यार व सम्मान देते थे। यहां तक कि अनेकों बार तो उनके साथ ही खाना खाते थे। बादल की एक खासियत थी कि वो हर किसी के सुख-दुःख में शरीक होते थे। अगर किसी कारणवश किसी के सुख में वे शरीक न भी हो पाएं, मगर उनकी ये कोशिश रहती थी कि हर किसी के दुःख में जरूर शरीक हों। इस मामले में वे अपने कट्टर प्रतिद्वंदी कह लो या विपक्षी नेता भी हो तो उसके दुःख में शरीक होने जरूर जाते थे। उनका मानना था कि राजनीति में उनकी विचारों की लड़ाई हो सकता है। इसे निजी लड़ाई नहीं मानना चाहिए। वे हमेशा पंजाब के हितों के बारे में सोचते रहते थे।

