नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और ओलंपियन पहलवानों का विवाद दोबारा तूल पकड़ता दिख रहा है। देश के नामी ओलंपियन पहलवान आज रविवार को सोनीपत से दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे हैं। पहलवान वहां पर दोबारा से धरना देने की तैयारी कर रहे हैं। पहलवानों ने बताया कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है, एक महीने में कार्रवाई का भरोसा दिया गया था लेकिन अब तीन महीने बाद भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। हम कितना इंतजार करें।
इस संबंध में एक पहलवान ने बताया कि सरकार ने पहलवानों को जो आश्वासन दिया था वह झूठा निकला। सरकार ने पहलवानों के साथ धोखा किया है। धरना खत्म करवाते समय एक महीने में जांच कर आरोपितों पर कार्रवाई की बात कही गई थी। हम कई बार सरकार को चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन सरकार ने न तो जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की और कार्रवाई करना दूर की बात रही। शाम चार बजे पहलवान प्रेस कांफेंस कर आगामी रणनीति बताने की बात कह रहे हैं।
बता दें कि जनवरी में डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए ओलंपियन पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे। अगले दिन कई राज्यों के पहलवान और खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों, कोच व खिलाड़ियों ने पहलवानों को समर्थन देते हुए उनके प्रदर्शन में भाग लिया था। पहलवानों ने मनमानी करने और महिला पहलवानों के यौन शोषण के भी आरोप अध्यक्ष पर लगाए थे। तीन दिन के धरने के बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय ने जांच कमेटी बनाते हुए एक महीने में जांच की बात कहते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया था।