पर्चा दर्ज होने पर महिला का आया बयान
जालंधर, वरुण/हर्ष: कमिश्नरेट पुलिस ने मंगलवार को लतीफपुरा निवासी एक महिला के खिलाफ मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए अपनी वित्तीय स्थिति को छुपाकर अवैध रूप से राशन कार्ड बनाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस का कहना है कि महिला के मुफ्त राशन से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। पुलिस कमिश्नर कुलदीप चाहल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी महिला की पहचान लतीफपुरा मॉडल टाउन निवासी मनजीत कौर के रूप में हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि खाद्य आपूर्ति अधिकारी मुनीश कुमार से प्राप्त शिकायत के अनुसार आरोपी महिला ने वर्ष 2021 में अपनी आर्थिक स्थिति की गलत जानकारी देकर अपने नाम से नीला कार्ड बनवाया था। सब्सिडी वाले खाद्यान्न के लाभ के लिए चार सदस्यों का पंजीकरण किया गया था, जिन्होंने बाद में मशीन पर अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराकर कई बार लाभ उठाया।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सब्सिडी वाला अनाज गरीब और जरूरतमंद लाभार्थियों के लिए है, जबकि आरोपी परिवार के पास पहले से ही एक लग्जरी कार नंबर PB08EZ0063 है। इसके अलावा आरोपी महिला का बेटा आयकर दाता है जबकि इस अनाज योजना के नियमानुसार लाभार्थी की पारिवारिक आय 60,000 प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए। इस प्रकार, आरोपी परिवार पॉलिसी के तहत निर्धारित आवश्यक मानदंडों को पूरा नहीं करता है। थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है।
चाहल ने कहा कि गरीब लोगों के लिए आने वाला अनाज आर्थिक रूप से संपन्न इस परिवार द्वारा अवैध तरीके से ले जाया जा रहा है। यह योजना केवल उन गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए है जो अपनी रोजी-रोटी का खर्च नहीं उठा सकते, जबकि इस परिवार ने इस कार्ड को मुफ्त भोजन के लिए बनाने के लिए अपनी वित्तीय जानकारी छिपाई।
वहीं इस मामले को लेकर मनजीत कौर ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें महिला ने अपने खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को झूठा बताया है। इस दौरान महिला ने कहाकि एफआईआर में दर्ज की गई गाड़ी बेटे को उसके मामा ने दी थी और मेरे बेटे की मेरी आय में कोई भूमिका नहीं है। महिला का कहना है कि वह और उसकी बेटी घर में अलग रोटी बनाते है। उनके पास आय का कोई साधन नहीं है। सरकार झूठे दस्तावेज बनाकर हमें डराना चाहती है।