नई दिल्लीः पिछले साल कतर में गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नेवी ऑफिसर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। कतर की अदालत के इस फैसले पर भारत सरकार ने हैरानी जताई है। भारत सरकार की ओर से वीरवार को कहा गया है कि कतर में फंसे भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की जा रही है। भारत सरकार ने गुरुवार को कहा, “हमें जानकारी मिली है कि कतर की एक अदालत ने अल दहरा कंपनी में काम कर रहे भारत के 8 पूर्व नेवी ऑफिसर के गिरफ्तार किए जाने के मामले में फैसला सुनाया है। अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं और फैसले की डिटेल्ड कॉपी का इंतजार कर रहे हैं।
हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के भी संपर्क में हैं। भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की जा रही है।” भारत सरकार ने आगे कहा है, ” हम इस मामले को बहुत ही गंभीरता से ले रहे हैं। हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। कतरी अदालत के इस फैसले को हम वहां के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे। मामले की गंभीरता और जरूरी गोपनीयता को देखते हुए इस समय इस पर कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।”
कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नौसैनिकों में से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णंदू तिवारी (रि.) भी शामिल हैं। इन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार पूर्णंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं। ये सभी लोग कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है। कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है। रॉयल ओमान वायु सेना रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खामिस अल अजमी इस कंपनी के सीईओ हैं।