ऊना/सुशील पंडित: कुटलैहड़ विधानसभा ने पिछले साढ़े चार वर्षों में विकास के नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। मनरेगा के तहत कुटलैहड़ विस क्षेत्र में आधारभूत ढांचा सुदृढ़ हुआ है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के प्रयासों से क्षेत्र के लिए पैसा और योजनाएं लाकर धरातल पर उतारी गई हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतरीन सुविधाएं यहां के निवासियों को उपलब्ध हो पा रही हैं।
प्रोजेक्ट ऑफिसर डीआरडीए संजीव ठाकुर ने बताया कि साढ़े चार वर्षो में कुटलैहड़ विस क्षेत्र में लगभग 75 करोड़ रुपए के विकास कार्य मनरेगा के तहत किए गए हैं। वर्ष 2017-18 में 5.03 करोड़ रुपए, वर्ष 2018-19 में 15.15 करोड़, वर्ष 2019-20 में 13.42 करोड़, वर्ष 2020-21 में 24.11 करोड़ तथा वर्ष 2021-22 में 17.89 करोड़ रुपए की धनराशि इस क्षेत्र में खर्च की गई है। इस धनराशि से कुटलैहड़ विस क्षेत्र में हर गांव तक पक्के एंबुलेंस रोड़, बढ़िया मोक्षधाम, पंचवटी पार्क, मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के तहत बैकयार्ड किचन गार्डन बनाने का कार्य बड़े पैमाने पर हुआ है।
जहां मनरेगा के तहत आधारभूत ढांचा सुदृढ़ हुआ है, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्राप्त हुआ है। वर्ष 2017-18 में 1.68 लाख, वर्ष 2018-19 में 4.20 लाख, वर्ष 2019-20 में 4.11 लाख, वर्ष 2020-21 में 5.74 लाख तथा वर्ष 2021-22 में 4.67 लाख कार्य दिवस अर्जित किए गए। मनरेगा के साथ-साथ वित्तायोग व अन्य मदों को मिला कर वीरेंद्र कंवर ने कनवर्जेंस का एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया है, जिसमें विभिन्न योजनाओं और विभागों के पास उपलब्ध धन को मिलाकर सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
इस बारे में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए पिछले चार वर्षों में बड़ा अभियान छेड़ा गया है। पंचायतों में निर्माण कार्यों में तेज़ी लाने के लिए जिला ऊना से शुरू किए गए एक साल-पांच काम अभियान को पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। कंवर ने कहा कि एक साल-पांच काम अभियान जिला ऊना में 1 अप्रैल 2021 से शुरू हुआ, जिसके तहत 5 लाख रुपए या इससे अधिक लागत के विकास कार्यों का चयन किया जाता है। चयनित विकास कार्यों के लिए मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, वित्तायोग, सांसद व विधायक निधि तथा योजना मद से धन का प्रावधान किया जाता है। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत प्रति वर्ष कम से कम 5 विकास कार्यों का चयन कर उनका अनुमोदन ग्राम सभाओं के माध्यम से होता है और फिर पंचायतें इन कार्यों को धरातल पर उतारती हैं, ताकि पंचायतें 5 वर्ष के कार्यकाल में कम से कम 25 बड़े कार्य करवा सकें।
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