नई दिल्लीः इंग्लैंड के ईस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र के डर्बी में भारतीय मूल के सात लोगों को दोषी ठहराया गया है। उन पर एक कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान बंदूक और तेजधार हथियार से अव्यवस्था फैलाने का आरोप है। इन सभी की उम्र 24 से 36 वर्ष के बीच है। डर्बीशायर पुलिस ने कहा, पिछले साल अगस्त में अलवास्टन में कबड्डी टूर्नामेंट में भाग लेने वाले दो समूहों के बीच हिंसक झड़क हुई थी। जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। गिरफ्तार किए गए और आरोपित पांच लोगों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। जबकि दो अन्य परमिंदर सिंह और मलकीत सिंह को पिछले हफ्ते कोर्ट ने अव्यवस्था फैलाने और हथियार रखने का दोषी ठहराया था। सभी दोषियों को डर्बी क्राउन कोर्ट में सजा सुनाई जाएगी।
वरिष्ठ जांच अधिकारी मैट क्रूम ने कहा, एक खेल के आयोजन में शामिल होने के लिए लोग पहुंचे थे। यह एक सुखद दिन होना चाहिए था लेकिन यह एक बड़ी हिंसक अव्यवस्था में बदल गया। जिसमें कई लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि इस घटना का दर्शकों के साथ-साथ क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर भी असर पड़ा है, जो इस आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। हम उन सभी के आभारी हैं, जिन्होंने हमारी जांच में मदद की है। पिछले साल 20 अगस्त को जब गोलीबारी होने और लोगों के हथियारों से लड़ने की खबरें आई थीं, तो पुलिस को एलवास्टन लेन के पास घटनास्थल पर बुलाया गया था। पुलिस ने पाया कि यह झगड़ा पूर्व नियोजित था। एक समूह ने इसके लिए डर्बी की ब्रंसविक स्ट्रीट में बैठक की थी।
कोर्ट को बताया गया था कि परमिंदर सिंह (25 वर्षीय) उन लोगों में से एक था, जो बैठक से भाग गया था और ड्रोन फुटेज में अपने हुड के साथ चेहरा ढंकते हुए कैद किया गया था। उसे घटनास्थल पर दो खेतों के बीच आगे बढ़ते देखा गया था। बाद में पुलिस को एक बैग मिला, जिसमें एक भरी हुई पिस्तौल थी। कोर्ट को यह भी बताया कि गया कि समूह का दूसरा सदस्य मलकीत सिंह भी हिंसा में शामिल था। उस पर हमला किया गया और उसके सिर पर चोटें आईं। डर्बीशायर पुलिस के लिए जांच का नेतृत्व करने वाले डिटेक्टिव कांस्टेबल स्टीवी बार्कर ने कहा, मलकीत सिंह और परमिंदर सिंह ने इश घटना के दौरान दूसरों की सुरक्षा की घोर उपेक्षा की। मुझे खुसी है कि उनकी भूमिका के लिए उन्हें दोषी ठहराया गया है।