स्थानीय प्रधान स्वर्ण सिंह राणा ने किया उद्घाटन,शिक्षक बलदेव कुटलैहड़िया रहे मौजूद
ऊना/सुशील पंडित: पौराणिक संस्कृति और मर्यादा की परंपरा को जीवित रखने की कड़ी में श्री राम नाटक क्लब हटली का 67वां शुद्ध रामायण मंचन बड़े ही भव्य और धार्मिक माहौल के साथ आरंभ हुआ। मंच संचालक विपिन साजन ने बताया कि मंगलवार शाम को आयोजित उद्घाटन समारोह में स्थानीय प्रधान स्वर्ण सिंह राणा ने शंखनाद और दीप प्रज्वलित कर मंचन की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि क्लब द्वारा वर्षों से निरंतर शुद्ध रामायण का मंचन करना न केवल धार्मिक आस्था को जीवित रखता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए संस्कृति और मर्यादा की प्रेरणा भी है।

उन्होंने क्लब की टीम को इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए इसे सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का एक जीवंत माध्यम बताया। रामलीला मंचन के प्रथम दिवस पर दर्शकों को भावुक कर देने वाले प्रसंग प्रस्तुत किए गए। कथा की शुरुआत महाराजा दशरथ और श्रवण कुमार प्रसंग से हुई। श्रवण कुमार की आंखों पर पट्टी बांधकर माता-पिता को तीर्थ यात्रा करवाने की मार्मिक कथा ने पंडाल में बैठे दर्शकों को आत्मविभोर कर दिया। मंच पर जब महाराजा दशरथ ने अनजाने में श्रवण कुमार का वध कर दिया, तो पूरा पंडाल भावनाओं से भर उठा। श्रवण कुमार का अंतिम संवाद और माता-पिता की व्यथा ने दर्शकों की आंखों को नम कर दिया।
इसके बाद का दृश्य और भी हृदयस्पर्शी रहा, जब श्रवण कुमार के माता-पिता ने शोकाकुल होकर अपने प्राण त्याग दिए। इस दौरान राजा दशरथ के विलाप का मंचन इतना सजीव रहा कि दर्शक खुद को उस युग का हिस्सा मानने लगे। इस प्रसंग ने समाज को यह संदेश दिया कि माता-पिता की सेवा सबसे बड़ी धर्मपरायणता है। प्रथम दिवस का एक अन्य महत्वपूर्ण दृश्य ऋषि नारद और भगवान विष्णु का संवाद रहा। जब ऋषि नारद ने भगवान विष्णु को पृथ्वी पर अवतार लेने का श्राप दिया, तो पंडाल में गूंजते मंत्रोच्चार और संवादों ने श्रद्धा का वातावरण बना दिया। इसी प्रसंग से आगे श्री राम जन्म की कथा को रूपायित किया गया। माता कौशल्या के गर्भ से प्रभु श्रीराम का जन्म होने पर पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के जयकारों से गूंज उठा। आकर्षक परिधान, मधुर संगीत और पारंपरिक वाद्ययंत्रों ने मंचन को और भी प्रभावशाली बना दिया। श्री राम नाटक क्लब हटली की विशेषता यह है कि यहां वर्षों से शुद्ध रामायण का मंचन बिना किसी व्यावसायिकता और आधुनिक तड़क-भड़क के किया जाता है।
मंचन की सादगी और गंभीरता ही इसे विशेष बनाती है। आयोजकों ने दर्शकों के लिए बैठने और चाय-नाश्ते का विशेष प्रबंध किया है।क्लब प्रधान मदन सोनी ने बताया कि रामलीला मंचन प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से 12 बजे तक चलेगा और रामायण के सभी प्रमुख प्रसंग मंचित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि क्लब का उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों को संस्कृति, सदाचार और मर्यादा से जोड़ने का प्रयास भी है। प्रथम दिवस के मंचन ने जहां दर्शकों को भावुक किया, वहीं राम जन्म के साथ पूरे वातावरण में श्रद्धा और आनंद का संचार हुआ। आने वाले दिनों में रामायण के अन्य रोचक और प्रेरणादायक प्रसंगों का मंचन होगा, जिसका दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। श्री राम जी की भूमिका में अबनीश सोनी,लक्ष्मण की भूमिका में दिनेश खत्री,दशरथ की भूमिका में संजय सोनी,श्रवण कुमार की भूमिका में विवेकशील शर्मा, नारद की भूमिका में सुरेन्द्र राणा,पूर्ण सिंह राणा,राज कुमार धीमान,पंकज धीमान,समर धीमान,आदित्य सोनी आदि कलाकारों ने अपनी बेहतर अभिनय से पंडाल को मंत्रमुग्ध कर दिया।