नई दिल्लीः दिल्ली के स्कूलों को आज एक बार फिर से बम से उड़ाने की धमकी मिली है। 50 स्कूलों को धमकी भरे ई-मेल भेजे गए हैं। नजफगढ़ के एक स्कूल और मालवीय नगर के एक अन्य स्कूल को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली है। सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची है। अब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। जानकारी के लिए बता दें कि बीते कुछ दिनों से दिल्ली के स्कूल और कॉलेजों को ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं। बीते सोमवार को आई धमकी में पैसों की मांग भी की गई है।
Read in English:- Bomb Threat Emails Sent to Over 50 Delhi Schools, Police Launch Probe
ਪੰਜਾਬੀ ਵਿੱਚ ਪੜ੍ਹੋ :- ਮੁੜ ਦਿੱਲੀ ਦੇ ਸਕੂਲਾਂ ਨੂੰ ਮਿਲੀਆਂ ਬੰਬ ਨਾਲ ਉਡਾਉਣ ਦੀਆਂ ਧਮਕੀਆਂ, ਜਾਂਚ ਜਾਰੀ
बीते सोमवार को दिल्ली के जिन 32 स्कूलों को धमकी भरे मेल मिले उन स्कूलों से 4,35,427.50 रुपये यानि 500 अमेरिकी डॉलर की मांग की गई थी। पैसे नहीं देने पर स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। इससे पहले स्कूलों व कॉलेजों समेत कई शैक्षणिक संस्थानों को मिले धमकी भरे मेल में पैसे की मांग नहीं की गई थी। स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के 32 स्कूलों यानि दक्षिण जिले के 7, दक्षिण-पश्चिमी जिले के 13, द्वारका के 11 और मध्य जिले के 1 स्कूल को बम से उड़ाने के धमकी भरे मेल मिले थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी स्कूलों को मिले मेल एक जैसे हैं और सभी जी मेल आईडी से भेजे गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मेल भेजने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल किया गया है। इसका इस्तेमाल करने से मेल भेजने के बाद आईपी एड्रेस किसी भी देश का बन जाता है। स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक ने बताया कि वीपीएन का अभी तक कोई तोड़ नहीं हैं।
वीपीएन प्रोवाइड करने वाली एजेंसियां इसकी डिटेल नहीं देती है। गूगल की जानकारी देने से मना किया…वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गूगल से जब धमकी भरे मेल भेजने के बाद जानकारी मांगी गई तो जानकारी देने से मना दिया है। गूगल ने सिर्फ इतना बताया कि धमकी भरे मेल विदेशी आईपी एड्रेस से भेजे गए हैं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का इसके पीछे हाथ है। आईएसआई की ये मंशा हो सकती है कि धमकी भरे मेल भेजने से एक तो स्कूलों, प्रशासन व सुरक्षा एजेंसियों में दशहत फैलेगी, दूसरा धमकी भरे मेलों से सुरक्षा एजेंसियां बिजी होंगी व रिसोर्स खत्म होंगे।