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कांग्रेस सरकार के 3 साल: व्यवस्था पतन, कर्ज और जनहित की अनदेखी के तीन वर्ष : डॉ. राजीव बिंदल

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4 दिसंबर को धर्मशाला में विशाल भाजपा प्रदर्शन, झूठी गारंटियों का होगा पर्दाफाश

ऊना/सुशील पंडित: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने ऊना में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के 3 वर्ष 11 दिसंबर को पूर्ण हो रहे हैं और मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि कांग्रेस पार्टी इस अवसर पर मंडी में जश्न मनाने की तैयारी कर रही है। डॉ. बिंदल ने कहा कि वास्तव में यह तीन साल “जश्न” के नहीं, बल्कि व्यवस्था पतन के तीन साल हैं। इन तीन वर्षों में हिमाचल प्रदेश की संपूर्ण व्यवस्थाएं तार-तार हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि यह कानून व्यवस्था के पतन के तीन साल हैं, जहां आए दिन लूट, चोरी, फिरौती, डकैती और गोलीकांड की घटनाएं आम हो गई हैं। ऊना के लोग इसके प्रत्यक्ष गवाह हैं, लेकिन यह समस्या केवल ऊना तक सीमित नहीं रही, बल्कि चंबा से सिरमौर और कांगड़ा से किन्नौर तक गोलीकांड और अपराध की घटनाएं आम बात बन गई हैं। यह सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है।

डॉ. बिंदल ने कहा कि यह भारी कर्ज के तीन साल हैं। प्रदेश सरकार ने भारीभरकम कर्ज तो लिया, लेकिन उस कर्ज को जनता के हित में लगाने में पूरी तरह असफल रही। यह सरकार बेरोजगारों के साथ किए गए भद्दे मजाक के तीन साल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि नौकरियां देने के वादे तो किए गए, लेकिन डेढ़ लाख से अधिक सरकारी पदों को समाप्त कर दिया गया। यह बेरोजगार युवाओं के साथ घोर अन्याय है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह शिक्षा व्यवस्था के पतन के तीन साल हैं। आए दिन नए फरमान जारी किए जा रहे हैं। पहली से पांचवीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम लागू कर दिया गया, जबकि शिक्षकों को इसकी न तो समुचित ट्रेनिंग दी गई और न ही आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए। बच्चे पांचवीं कक्षा में पहुंच जाते हैं और उन्हें बिना तैयारी के ऊँचे स्तर की अंग्रेजी पढ़ाई जाती है। हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हुए हैं, जिसके कारण कुछ स्कूलों को सीबीएसई में बदल दिया गया और करीब 2000 स्कूल बंद कर दिए गए। अध्यापक व्यवस्था को भी पूरी तरह से छिन्न-भिन्न कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य सेवाओं के पतन के तीन साल भी हैं। गरीब व्यक्ति पहले हिमकेयर और आयुष्मान भारत योजनाओं के माध्यम से इलाज करवा रहा था, लेकिन आज वह इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। हिमकेयर बंद, आयुष्मान बंद, अस्पतालों में दवाइयों की कमी और अव्यवस्थाएं चरम पर हैं। यह सरकार स्वास्थ्य सेवाएं देने में पूरी तरह विफल सिद्ध हुई है।

डॉ. बिंदल ने आरोप लगाया कि यह भाई-भतीजावाद, मित्रों की सरकार और माफिया राज के तीन साल भी हैं। शासन-प्रशासन में पारदर्शिता समाप्त हो गई है और मित्रवाद हावी हो गया है। उन्होंने कहा कि मंडी, जहां आज भी हजारों लोग आपदा के जख्म झेल रहे हैं, अपने घरों की जगह स्कूलों, धर्मशालाओं और रिश्तेदारों के घरों में शरण लेने को मजबूर हैं, वहीं कांग्रेस सरकार वहां जश्न मनाने की तैयारी कर रही है। यह जश्न नहीं, बल्कि बर्बादी का उत्सव है।

डॉ. बिंदल ने स्पष्ट किया कि इसी व्यवस्था पतन और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी 4 दिसंबर को धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में एक विशाल प्रदर्शन करने जा रही है। इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को उसकी विफलताओं का आईना दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह वही सरकार है जो झूठी गारंटियों के दम पर सत्ता में आई थी। 28 लाख बहनों को ₹1500 रुपये प्रतिमाह देने की गारंटी, 58 साल की उम्र तक पक्की नौकरी देने की बातें, पहली ही कैबिनेट में फैसले लेने के वादे – सब आज हवा-हवाई साबित हो चुके हैं। मित्र, रोगी मित्र, वन मित्र जैसे नामों पर युवाओं के साथ हजारों रुपये मानदेय में अन्याय किया गया है।

डॉ. बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार भाजपा पर गुटबाजी का आरोप लगाते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए तीन साल से भाजपा का नाम जप रही है। मुख्यमंत्री से आग्रह है कि यदि उन्हें वास्तव में लगता है कि भाजपा गुटों में बंटी है, तो वे कल ही चुनाव करा लें, जनता स्वयं बता देगी कि कांग्रेस कहां खड़ी है और भाजपा कहां।

उन्होंने कहा कि सरकार का दायित्व है कि वह आपदा प्रबंधन, समय पर वेतन और पेंशन भुगतान, कानून-व्यवस्था की मजबूती, नशा कारोबार पर रोक और जनसुरक्षा को सुनिश्चित करे, लेकिन कांग्रेस सरकार इन सभी जिम्मेदारियों से भाग रही है। हिमाचल की जनता आज इस सरकार से पूरी तरह त्रस्त है। डॉ. बिंदल ने कहा कि ना भूतों ऐसी सरकार देखी गई और ना भविष्य में ऐसी सरकार देखने को मिलेगी। अंत में डॉ. बिंदल ने प्रदेश की जनता से 4 दिसंबर के विशाल प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने का आह्वान किया।

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