नई दिल्लीः मशहूर कॉमेडिन कपिल शर्मा के कैफे पर फायरिंग मामले में कनाडा सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। दरअसल, इस मामले में कनाडाई सीमा सेवाओं केन्द्रीय एजेंसी (CBSA) ने एक जांच के बाद 3 विदेशी नागरिकों को देश से (डिपोर्ट कर) निकाल दिया है। उन्हें ब्रिटिश कोलंबिया में पंजाबी मूल के व्यवसायियों को निशाना बनाते हुए चल रहे जबरदस्ती वसूली नेटवर्क से जोड़ा गया था। 7 नवंबर को किया गया यह देश के BC एक्सटॉर्शन टास्क फोर्स के तहत लिया गया पहला कदम है, जो कि CBSA, RCMP और स्थानीय पुलिस एजेंसियों का एक साझा ऑपरेशन है। प्रदेश में काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध समूहों के खिलाफ इस साल के शुरुआत में 40 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था।
CBSA अधिकारियों के अनुसार जबरदस्ती वसूली के मामलों से जुड़ी अपराध गतिविधियों से संभावित संबंधों, कनाडा में प्रवेश के शक के योग्य अवैधता के लिए 78 अतिरिक्त विदेशी नागरिकों की इस समय आव्रजन जांच चल रही है। यह उल्लेखनीय है कि BC में जबरदस्ती वसूली का संकट 2025 के शुरुआत में तेज़ी से बढ़ गया था। अपराधी कारोबारियों से क्रिप्टोकरेन्सी भुगतान की मांग करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का इस्तेमाल कर रहे हैं और कथित तौर पर उनकी मांगों को ठुकराने पर हिंसा और आगजनी का सहारा भी लिया है। सरे, लॉअर मेनलैंड और फ्रेजर वैली में कई छोटे व्यवसाय, जिनमें सरे में कपिल शर्मा का कैपिटल कैफ़े को निशाना बनाया गया।
हालांकि अधिकारियों ने देश निकाला दिए गए व्यक्तियों की पहचान या देश का सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया है, लेकिन कानून लागू करने वाले सूत्रों ने संकेत दिया है कि जबरदस्ती वसूली नेटवर्क में शामिल बहुत सारे पीड़ित और अपराधी दोनों ही पंजाबी मूल के हैं। CBSA ने अधिक जानकारी न देने के लिए ऑपरेशनल सुरक्षा चिंताओं और आव्रजन एवं शरणार्थी सुरक्षा अधिनियम के तहत निजता के प्रबंधों का हवाला दिया। अधिकारियों का कहना है कि यह देश निकाला BC के पंजाबी कारोबारी समुदाय को निशाना बनाने वाली हालिया हिंसा और धमकियों की लहर के पीछे के संगठित नेटवर्कों को खत्म करने के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है।