सीकरः राजस्थान में निशुल्क दवा योजना से मिली खांसी की सिरप बच्चों की ज़िंदगी के लिए खतरा बन गई है। परिवार का आरोप है कि इस दवा के पीने से सीकर में 5 साल के एक बच्चे की मौत हो गई। यह घटना सीकर के खोरी ब्राह्मणान गांव का है। परिवार का दावा है कि निशुल्क दवा योजना की सिरप पीने से 5 साल के नितियांस की मौत हो गई। जबकि जयपुर में 2 साल की एक बच्ची जीवन और मौत से लड़ रही है। वहीं भरतपुर में भी ऐसा मामला सामने आया है।
आरोप है कि सरकारी अस्पतालों में दी जानेवाली दवा dextromethorphan hydrobromide syrup पीने के बाद ही बच्चों की तबीयत ख़राब हो गई। जहां एक बच्चे की मौत हो गई। ऐसे में अब सीकर और भरतपुर में 2 बच्चों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने इन मामलों को देखते हुए खांसी की सिरप के एक बैच (19 नंबर बैच) के वितरण पर पूरे राज्य में रोक लगा दी है। खास बात यह है कि इसी साल जून में जांच के बाद सप्लाई शुरू हुई थी।
जिस कंपनी का ये सिरप है। उसकी एक दवा पहले भी ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड’ पाई गई थी। इधर, लगातार मामलों के बाद आरएमएससीएल ने दवा की वितरण पर रोक लगा दी है। ड्रग डिपार्टमेंट ने दवाओं के सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि भरतपुर में डॉक्टर ने खुद इसे पीकर जांच की थी। उनकी भी तबीयत बिगड़ गई थी। नितियांस के चाचा बसंत शर्मा ने बताया- भतीजे को 4- 5 दिन से खांसी थी। नजदीक के चिराना सीएचसी पर भाभी खुशी उसे लेकर गई थी। सीएचसी से ही खांसी की दवा ली गई थी। रात करीब 11:30 बजे उसे दवा दी गई थी।
रात 3:30 बजे के करीब उसे हिचकी आई। इस पर उसे पानी पिलाया था। सोमवार सुबह उसे उठाया तो, नहीं उठा। इस पर सीकर के एसके हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। चाचा का दावा है कि सिरप पीने से ही भतीजे की मौत हुई है। बच्चे के पिता का झारखंड में होटल है। बच्चे का एक 7 साल का बड़ा भाई है। दादिया एसएचओ बुद्धिप्रसाद ने कहा- परिवार ने बच्चे का पोस्टमॉर्टम करवाने से मना कर दिया था। उनका कहना है कि बच्चा खांसी से परेशान था। दवा पीने से उसकी मौत हुई है।