पंचकूला : ट्रिपल मर्डर मामले में क्राइम ब्रांच 19 की टीम ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान निखिल और मनीष निवासी रोहतक के तौर पर हुई है। जानकारी के अनुसार हिसार के उकलाना से नंदू गैंग के लिए फाइनेंस का काम करते थे। क्राइम ब्रांच 19 की टीम ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेशकर 3दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी नंदू गैंग गंगवार के लिए फाइनेंस का काम करते हैं। ट्रिपल मर्डर मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों का पटियाला हाउस कोर्ट के द्वारा आरोपियों का 7 दिन का रिमांड दिया गया है।
आपको बता दें कि ट्रिपल मर्डर की घटना को अंजाम देने के बाद दिल्ली में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद पंजाब और उसके बाद राजस्थान के रास्ते बेंगलुरू पहुंचे। जहां पर दिल्ली पुलिस ने एक मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग के लिए काम करने वाले आरोपी क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले को लेकर क्राइम ब्रांच 19 दोनों आरोपियों का तीन दिन का पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जा रही है। इस मामले में पंचकूला की क्राइम ब्रांच के द्वारा इससे पहले ट्रिपल मर्डर की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के लिए रेकी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। रेकी करने वाले सुरेंद्र और मनोज दोनों शूटर को पल-पल की खबर दे रहे थे।
नंदू गैंग के लिए फाइनेंस का काम करने वाले दोनों आरोपियों पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। इस मामले को लेकर पुलिस गहनता से जांच पड़ताल कर रही है। क्राइम ब्रांच 19 के इंचार्ज निर्मल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 दिसंबर की रात को पंचकूला में हुए ट्रिपल मर्डर मामले में भी निखिल और मनीष के द्वारा पैसे फाइनेंस किए गए थे और इस मामले में पहले दो आरोपी गिरफ्तार किया जा चुके थे और अब कुल चार आरोपी गिरफ्तार किया जा चुके हैं और इस घटना को अंजाम देने वाले शूटर दिल्ली पुलिस के द्वारा बेंगलुरु से गिरफ्तार किए गए हैं।
गिरफ्तार किए गए दोनों फाइनेंसर हत्या को अंजाम देने वाले आरोपियों को पार्टी में जाने के लिए पैसे और रेकी करने वाले आरोपियों को भी मोबाइल और सिम के पैसे मुहैया करवाए थे। क्राइम ब्रांच 19 का कहना है कि फिलहाल दोनों फाइनेंसर गिरफ्तार कर लिए गए हैं जो कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग द्वारा की जाने वाली वारदातों में पैसा फाइनेंस करते थे और अलग-अलग प्रकार से मदद करते थे। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों से पूछताछ की जाएगी और यह भी जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाएगी कि उनके द्वारा किस-किस घटना को अंजाम देने में मदद की गई थी और क्या-क्या मामले इन पर दर्ज है।