ऊना/सुशील पंडित: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देशभर में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी, समावेशी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने हेतु आरंभ की गई 18 नवाचारी पहलों को हिमाचल प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने बताया कि प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा शिमला से जारी प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए बताया कि इन नवाचारों को छह प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिनमें मतदाताओं, राजनीतिक दलों, प्रक्रियागत सुधार, कानूनी प्रावधान, चुनाव कार्मिकों और निर्वाचन आयोजन से जुड़े प्रशासनिक सुधार शामिल हैं।
मतदाताओं के हित सर्वोपरि
जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय की गई है, जिससे मतदान केंद्रों कतारों और भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। बहुमंजिला इमारतों एवं घनी कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मृत्यु पंजीकरण की जानकारी अब सीधे भारत के महापंजीयक के डेटाबेस से प्राप्त कर मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया को तीव्र किया जाएगा।
राजनीतिक दलों के साथ समन्वय
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि प्रदेश में जिला एवं उप-मंडल स्तर पर सर्वदलीय बैठकों का आयोजन हुआ जिनमें क्रमशः 57 और 200 राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आयोग ने विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के साथ संवाद स्थापत किया। इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट में बूथ लेवल एजेंट्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए।
प्रक्रियागत सुधार और कानूनी प्रावधान
उपायुक्त ने बताया कि प्रेस विज्ञप्ति में इस बात का भी उल्लेख है कि निर्वाचन सेवाओं के लिए नया ईसीआइएनइटी डैशबोर्ड लॉन्च किया गया है जिस पर सभी सेवाएं एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी। डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) का भी समाधान किया गया है और अब प्रत्येक ईपीआईसी नंबर अद्वितीय होगा। 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की गई है ,जिनमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल, प्रतयाशी आदि शामिल हैं।यों के अनुसार प्रशिक्षध्ण सामग्री तैयार की जा रही है।
निर्वाचन कार्मिकों के सशक्तिकरण व प्रशासनिक सुधार पर बल
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति में इस बात का भी जिक्र किया है कि आयोग निर्वाचन कार्मिकों के सशक्तिकरण पर बल दे रहा है। बूथ लेवल अधिकारियों को मानक फोटो पहचान पत्र दिए जा रहे हैं। अब तक 3 हजार से अधिक बूथ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अगामी वर्षों में 1 लाख बीएलओ पर्यवेक्षकों के प्रशिक्षण का लक्ष्य है। हिमाचल प्रदेश से पहला बैच 26 -27 मई को प्रशिक्षण प्राप्त करेगा। राज्य एवं जिला स्तर पर मीडिया व सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों के लिए उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किए गए।
आयोग कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली और ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर कागज रहित कार्यप्रणाली को बढ़ावा दिया गया है। मतदाता सूचना पर्ची को और अधिक उपयोगी बनाते हुए उस पर क्रम संख्या और भाग संख्या को प्रमुखता से दर्शाया गया है।आयोग की ये सभी पहलें निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और आधुनिक बनाने में सहायक सिद्ध होंगी। हिमाचल प्रदेश इस दिशा में अग्रणी बनने के लिए संकल्पित है।