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महाकुंभ में मची भगदड़ से 17 की मौत, रेलवे विभाग ने स्पेशल ट्रेनों को किया रद्द, देखें वीडियो

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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के लिए संगम नोज पर लाखों श्रद्धालु जुटे थे। इसी दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 17 से अधिक लोगों की मौत हो गई। मेला प्रशासन ने फिलहाल 17 मौतों की पुष्टि की है। इस घटना से संगम नोज पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे के तुरंत बाद दर्जनों एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और मृतकों के शवों को वहां से ले जाया गया। घायल श्रद्धालुओं को मेला परिसर में बने केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मेले से कई एंबुलेंस लगातार शव लेकर शहर की ओर जाते रहे। महाकुंभ के अस्पताल में घायलों को लेकर आने वाली एंबुलेंस का तांता लगा हुआ है। राहत और बचाव कार्य में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। दर्दनाक हादसा रात करीब 2 बजे संगम तट के पास हुआ। दूसरी ओर महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद रेलवे ने एक बड़ा फैसला किया है। रेलवे ने प्रयागराज के लिए आने वाली स्पेशल ट्रेनों को रद्द कर दिया है। चंदौली से प्रयागराज की ओर आ रही स्पेशल ट्रेनों को रद्द किया गया है। उक्त फैसला भारी भीड़ के चलते यह फैसला लिया गया है, जो अगले आदेश तक लागू रहेगा।

मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए महाकुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। आज सुबह 6 बजे तक 1.75 करोड़ लोगों ने पावन स्नान किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार 28 जनवरी तक कुल 19.94 करोड़ लोग महाकुंभ के दौरान पावन स्नान कर चुके हैं। दिल्ली में द्वारका सेक्टर-18 बी के प्रमोद कुमार शमा पेशे से व्यवसायी हैं। पत्नी, मां सरस्वती, दो बेटे श्रेयांश और दिव्यांश को कुंभ स्नान कराने लाए थे। डेढ़ से पौने दो बजे के बीच वे नहाकर आए ही थे कि एकाएक पीछे से भीड़ का रेला आया और वहां खड़े लोग दब गए। जो गिरा, वह उठ नहीं पाया और पीछे के लोग उन पर चढ़ते चले गए।

प्रमोद कहते हैं, मैं संभला और देखा तो मां और बेटे मेरे पास थे। अंडरवियर में ही मैंने तीनों का हाथर पकड़ा और घाट से निकलने लगा। पत्नी नहीं दिखी। मां और बेटे उसे ढूंढने की जिद करने लगे लेकिन इन्हें बचाना मेरी प्राथमिकता थी। अगर रूकता तो अनहोनी की आशंका थी। बाद में पत्नी केंद्रीय अस्पताल में मिलीं। बताया कि वह सामान समेटने में पीछे रह गई थीं। फ्लैक्स गिरने से वह चोटिल हो गई थीं। जहां वह गिरी थीं, वहां कुछ महिलाएं-बच्चे बेसुध पड़े थे। शायद उनमें जान नहीं बची थी। भगवान का प्रताप है कि हमारा पूरा परिवार सेफ है।

 

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