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सुरक्षित भोजन परोसें प्रोजेक्ट के तहत 1 हज़ार स्ट्रीट फूड विक्रेता होंगे प्रशिक्षित

सुरक्षित भोजन परोसें प्रोजेक्ट के तहत 1 हज़ार स्ट्रीट फूड विक्रेता होंगे प्रशिक्षित सुरक्षित भोजन परोसें प्रोजेक्ट के तहत 1 हज़ार स्ट्रीट फूड विक्रेता होंगे प्रशिक्षित
ऊना/सुशील पंडित: स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को सुरक्षित भोजन परोसने का प्रशिक्षण देने हेतू ऊना में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नेस्ले और हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग के संयुक्त तत्वधान में आयोजित किया गया। नेस्ले इंडिया के कॉरपोरेट अफेयर्स और सस्टेनेबिलिटी के निदेशक, संजय खजूरिया ने कहा कि “नेस्ले इंडिया में, हम अपने उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा से परे जाकर भारत में खाद्य सुरक्षा वातावरण में सुधार का समर्थन कर रहे हैं। प्रोजेक्ट सर्व सेफ फूड, स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा प्रथाओं पर प्रासंगिक प्रशिक्षणों के माध्यम से स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को उनके कौशल को उन्नत करके सशक्त बनाता है। इससे खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के मानकों के महत्व को बढ़ाने पर उनकी जागरूकता में सुधार करने में सहायता मिलती है।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्ट्रीट फूड विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन परोसने के बारे में प्रशिक्षित करना है। हिमाचल प्रदेश में सुरक्षित भोजन परोसें प्रोजेक्ट के भौगोलिक फूटप्रिंटस का विस्तार करते हुए नेस्ले इंडिया द्वारा ऊना में 1 हज़ार से अधिक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित करने हेतू एफडीए, हिमाचल प्रदेश और नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (छ।ैटप्) के साथ सहयोग किया है। यह परियोजना 1 हज़ार स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता, सुरक्षित भोजन प्रबंधन, अपशिष्ट निपटान और डिजिटल भुगतान पर प्रशिक्षित करेगी। नेस्ले इंडिया अपने सुरक्षित भोजन परोसें प्रोजेक्ट के तहत सात वर्षों से अधिक समय से देश भर में स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित करने का काम कर रही है।
कार्यक्रम प्रमुख, एनएएसवीआई संगीता सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य पूरे भारत में स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को खाद्य स्वच्छता और सुरक्षा पर प्रशिक्षण देकर रणनीतिक रोजगार के अवसरों में प्रवेश करने में सक्षम बनाना है। प्रोजेक्ट सर्व सेफ फूड ने देश भर में हज़ारों स्ट्रीट फूड विक्रेताओं की मदद की है। इससे उनकी आजीविका में भी सुधार होगा।
उन्होंने बताया कि सुरक्षित भोजन परोसें प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2016 से 25 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 41 हज़ार से अधिक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को लाभान्वित किया है। उन्होंने बताया कि असम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, उड़ीसा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना व उत्तर प्रदेश  में प्रशिक्षण आयोजित किए गए हैं।
खाद्य सुरक्षा विभाग, ऊना के सहायक आयुक्त, जगदीश धीमान ने बताया कि हमें अपने शहर की विविध स्ट्रीट फूड संस्कृति पर बहुत गर्व है। हमारे स्ट्रीट फूड विक्रेताओं ने इस विविधता और संस्कृति को जीवित रखा है। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट सर्व सेफ फूड स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

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