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हिन्दू संगठनों ने बाहरी व्यक्तियों द्वारा ऊना के युवक से मारपीट कर अपमानित किए जाने को लेकर धरना प्रदर्शन, एडीसी को ज्ञापन सौंपा

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ऊना/ सुशील पंडित: जिला ऊना में हिन्दू संगठनों ने बाहरी व्यक्तियों द्वारा ऊना के युवक से मारपीट कर अपमानित किए जाने को लेकर धरना प्रदर्शन किया व एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर को ज्ञापन सौंपा।

हिन्दू संगठनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि अमित वाल्मीकि नाम का व्यक्ति पंजाब से आकर हमारे शांति प्रिय प्रदेश में लोगों को जाती के नाम पर भड़का कर जनरल कैटेगरी के लोगों पर एससी-एसटी एक्ट के झूठे मुकदमे दर्ज करवाता है और बाद में पैसों की मांग करके इन मुकदमों को खत्म करने की बात करता है। ऐसे कई मुद्दे हमारे प्रदेश व जिला ऊना में आए हैं जिसकी पुलिस जांच में यह मुकदमे झुठे पाए गए।यह व्यक्ति कभी इंडस्ट्रीयल एरिया वालों को धमकाने व टैक्सी चालकों को दंगे करने के लिए उकसाता है।

जिलाधीश ऊना को दिए ज्ञापन में बताया गया कि 21 सितंबर को इस व्यक्ति ने हरोली क्षेत्र के एक युवक भुपिंद्र सिंह को ऊना के भरे बाजार में जबरदस्ती बंधक बनाकर सार्वजनिक तरीके से ज़लील व बेइज्जत किया गया और अपने फोन पर लाइव किया।उस को धमकाया गया कि तेरे उपर एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाउंगा।

भुपिंद्र सिंह पुत्र जोगिंदर सिंह गांव धर्मपुर को अमित वाल्मीकि ने कहा कि अगर पर्चा दर्ज नहीं करवाना है तो मेरे दफ्तर में आकर माफ़ी मांग लो,इस के कहने पर जव भुपिंद्र सिंह उस के पापा जोगिंदर सिंह व गांव का उपप्रधान इस के दफ्तर पहुंचे तो इस ने मारपीट शुरू कर दी और उस की फेसबुक व इंस्ट्राग्राम अकाउंट पर विडियो अपलोड कर दी और जान से मारने की धमकी दी।  भुपिंद्र से अश्लील हरकत करने की कोशिश की। और भुपिंद्र सिंह को सिर से पकड़ कर टांगों के बीच झुकाया और पैर पकड़ कर माफ़ी मंगवाईं गई यह तथाकथित घटना बाहर और फिर पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में जिला सचिवालय के प्रांगण में हुई।

गौरतलब है कि पुलिस कर्मियों ने एफआईआर दर्ज होने के बाबजूद रोकने की कौशिश नहीं की, जोकि अमित और अन्य द्वारा व पुलिस द्वारा एक कानूनी अपराध है। क्योंकि हमारा संविधान किसी को भी ऐसा करने की इजाजत नहीं देता।

उन्होंने दिए ज्ञापन में आरोप लगाया कि उसके बाद भुपिंद्र सिंह को एडीसी ऊना के सामने एक अपराधी की तरह लाया गया और दावा किया गया कि हम उसे अरेस्ट करके लाए हैं। जबकि उनके पास अरेस्ट करने का कोई अधिकार नहीं था और आईपीसी के तहत यह अपहरण का अपराध है।

उन्होंने बताया कि दुःख कि बात है कि यह सारी घटना एक पुलिस कर्मचारियों के सामने होती रही और पुलिस कर्मी मूकदर्शक बनी इस घटना को देख रही थी।

उन्होंने जिलाधीश से मांग करते हुए आरोप लगाया व कहा कि एसडीएम व डीएसपी लेवल के अधिकारी लगा कर अमित वाल्मीकि के आफिस की जांच की जाए तथा उसे बंद किया जाए । क्योंकि वह नशा तस्करी,वसूली,फेक मुकदमे, हथियार व समाज में अशांति फैलाने का अड्डा बन चुका है।

उन्होंने अमित वाल्मीकि पर अपहरण, मारपीट, वसूली सामाजिक अशांति, अश्लील हरकतें और मानहानि का केस दर्ज कर जांच की जाए।

उन्होंने एक सप्ताह के भीतर उचित कार्रवाई की मांग उठाई अन्यथा समाज के लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने बताया कि भुपिंद्र सिंह एक 22 वर्षीय युवक है जो इस उत्पीड़न से मानसिक दबाव में आकर कोई ग़लत कदम भी उठा सकता है अतः समय रहते कार्रवाई अमल में लाई जाए।

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