ऊना/ सुशील पंडित: हरोली उपमंडल के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बाथू में शुक्रवार को टीबी-मुक्त पंचायत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण शिविर आयोजित की गई। इस शिविर की अध्यक्षता एमएचएस मोहन लाल ने की, जिसमें पंचायत प्रधान सुरेखा राणा पंचायत सचिव धर्मपाल वार्ड सदस्य, आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
शिविर में मोहन लाल ने बताया कि टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) एक संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पंचायत को टीबी-मुक्त घोषित करने के लिए गांव के सभी नागरिकों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना और समय पर जांच और इलाज सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ गांव की अवधारणा को अपनाकर ही हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं। इसके तहत गांव के प्रत्येक व्यक्ति की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाएगी, ताकि समय रहते टीबी के किसी भी संभावित मरीज की पहचान की जा सके और उसे सही इलाज मिल सके।
पंचायत प्रधान सुरेखा राणा ने भी इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और गांव को टीबी-मुक्त बनाने के इस प्रयास को सफल बनाएं।
शिविर का मुख्य उदेश्य
– गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
– प्रत्येक घर में जाकर स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
– टीबी के लक्षणों की पहचान के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
ग्राम पंचायत बाथू की इस पहल का उद्देश्य न केवल टीबी को समाप्त करना है, बल्कि एक स्वस्थ और खुशहाल समुदाय का निर्माण करना भी है।
टीबी हारेगा, देश जीतेगा”के संदेश के साथ इस बैठक का समापन हुआ, जिसमें सभी ने मिलकर गांव को टीबी-मुक्त बनाने का संकल्प लिया।