लापरवाही: 50 लाख सालाना खर्च करने के बावजूद तहसील में गंदगी और कूड़े के लगे ढेर, ठेकेदार को फटकार

लापरवाही: 50 लाख सालाना खर्च करने के बावजूद तहसील में गंदगी और कूड़े के लगे ढेर, ठेकेदार को फटकार

लापरवाही: 50 लाख सालाना खर्च करने के बावजूद तहसील में गंदगी और कूड़े के लगे ढेर, ठेकेदार को फटकार

जालंधर/अनिल वर्मा: जालन्धऱ तहसील में पिछले कई सालों से सफाई के नाम पर लाखों रुपये बरबाद किया जा रहा है जिसके बावजूद तहसील में साफ सफाई का नामोनिशान नजर नहीं आता। सबसे ज्यादा बुरे हालात सेवा केन्द्र तथा सब रजिस्ट्रार दफ्तर के बाहर देखने को मिल रहे हैं जहां जगह जगह कूड़े के ढेर, घास, गंदगी बिखरी हुई है यहां लोग सबसे ज्यादा लोग सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए सेवा केन्द्र आते हैं मगर यहां पहुंच कर उन्हे इस बात का अहसास हो जाता है कि सरकार जनता को सुविधा देने के लिए कितनी सजग है।

मिली जानकारी अनुसार तहसील में साफ सफाई का ठेका हासिल करने वाली एमपी एसोसिएट कम्पनी के पास पूरे जिले की तहसीलों सब तहसीलों की साफ सफाई का ठेका है जिसके लिए सरकार सालाना 50 लाख रुपये खर्च कर रही है। जालन्धर तहसील में कम्पनी की ओर से 16 सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं जिसमें ज्यादातर महिलाएं है। तहसील में सिर्फ डीसी दफ्तर,एम.ए. ब्रांच,एस.डी.एम.-1,नाजर शाखा, आरटीए दफ्तर के बाहर ही सफाई कर्मचारियों का ध्यान हैं इसके अलावा पूरी तहसील में कूड़ा गंदगी के ढेर लगे हैं। 

एमपी एसोसिएट के सुपरवाईजर का कहना है कि सेवा केन्द्र के बाहर पार्किंग एरिया तथा पार्कों की सफाई का काम ठेके में शामिल नहीं है इसलिए नहीं किया जाता वहीं जिला नाजर नरेश कौल ने कहा कि ठेके में पूरी तहसील में सफाई करना शामिल है इसमें पार्किंग एरिया तथा सेवा केन्द्र के बाहर का हिस्से की भी सफाई करना जरूरी है अगर ठेकेदार काम नहीं कर रहा तो उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी।

पार्किंग एरिया में कई सालों से टूटी सड़कें, हालात खराब

गेट नंबर 3 की पार्किंग में सड़कें लगभग पूरी तरह से टूट चुकी हैं जहां बरसाती दिनों में पानी खड़ा रहता है। वाहनों की पार्किंग के लिए यहां सबसे बुरे हालात सेवा केन्द्र के बाहर हैं जहां फुटपाथों पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं और पार्क के अंदर कर्मचारियों के वाहन खड़े हैं। देखने में ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई सरकारी अस्पताल हो जहां मरीज तो रोज आ रहे हैं मगर डाक्टर गायब हैं।