सिद्धू मूसेवाला मर्डर के चश्मदीद आया सामने, कहा- दोस्तों ने 22 मिनट तक नहीं खोला थार का लॉक 

चंडीगढ़ः पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल का एक चश्मदीद सामने आया है। खुद को पूर्व फौजी बता रहे चश्मदीद ने थार में बैठे मूसेवाला के दोस्तों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। वहीं कातिल शूटर्स को पकड़ने में पुलिस की लापरवाही भी उजागर की है। इस संबंध में चश्मदीद का वीडियो भी सामने आया है। हालांकि, पुलिस और मूसेवाला के दोस्तों की इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।

पहली बार चश्मदीद आया सामने और किया ये दावा 

पुलिस ने तुरंत नाका नहीं लगाया : कत्ल के बाद पहुंचे पुलिस वालों को मैंने कहा कि शूटर अभी भागे हैं। बोलेरो में 4 लोग हरियाणा की तरफ भागे, जबकि 2 पंजाब के भीतर ही फरार हुए। अगर पुलिस उसी वक्त नाका लगा लेती तो वह पकड़े जाते।

लॉक गाड़ी से सिद्धू ने फायर कैसे किए?: कहा जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला ने भी 2 फायर किए। मुझे नहीं पता कि लॉक गाड़ी से फायर कैसे किए?। थार के शीशे भी बंद थे।

थार का लॉक क्यों नहीं खोला?: पूर्व फौजी ने कहा कि 20-22 मिनट तक तो अंदर बैठे मूसेवाला के दोस्तों ने गाड़ी का लॉक ही नहीं खोला। मूसेवाला के साथ बैठे युवक अंदर ही रहे। गांव के लड़कों ने थार के शीशे तोड़ सिद्धू को बाहर निकाला। फिर वह लॉक खोलकर बाहर निकले।

आगे बैठे दोस्त के पैर में गोली कैसे लगी? : जब कोई सिद्धू मूसेवाला के बराबर सीट पर आगे बैठा था तो उसके पैर में गोली कैसे लग गई?। मूसेवाला को गांव के लोग प्राइवेट गाड़ी में अस्पताल ले गए, लेकिन उसके दोस्त नहीं गए। पुलिस आई और एंबुलेंस पहुंची तो वह अस्पताल गए।

दोस्त 5 मिनट किससे बात करता रहा? : मैं यह भी जानना चाहता हूं कि सिद्धू के पीछे बैठा युवक 5 मिनट तक किससे बात करता रहा। मुकरता है तो हमारे पास आए, हम साबित करेंगे। अंदर कुछ दिख नहीं रहा था। गोली वाली जगह से ही फोन करता दिखा।

धुआं कैसे हुआ? : दोस्त कह रहे कि धुआं हो गया?, गोली जहां लगती है, वहीं थोड़ा धुआं निकलता है। मैंने उनका बयान सुना कि गर्दन उठाई तो दोबारा गोली चलाई। यह सब झूठ है।