लघु उद्योग भारती बददी के सहयोग से उद्यमियों के लिए आयोजित हुआ सैमीनार

लघु उद्योग भारती बददी के सहयोग से उद्यमियों के लिए आयोजित हुआ सैमीनार
बददी/ सचिन बैंसल: बददी स्थित आई स्क्वायर परिसर एमएसएमई जागरूकता कार्यक्रम का अयोजन किया गया जिमसें भारत सरकार एमएसएमई विभाग के कंसलटेंट भारत वैभव ने विशेष तौर पर शिरकत की। उन्होने जहां विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों का विस्तार से बखान किया वहीं वैव पोर्टल के माध्यम से उनका लाभ उठाने का तरीका भी बताया। कार्यक्रम लघु उद्योग भारती बददी इकाई के विशेष सहयोग से आयोजित किया गया था। भारत वैभव ने बताया कि माइक्रो-स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज यानि सूक्ष्म लघु और मध्यम व्यवसाय हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में 30 फीसदी योगदान करते हैं। यह उद्यम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम के तहत लाभ उठाने के लिए पंजीकृत होना बहुत जरुरी है। राष्ट्रीय कंसलटेंट एवं वरिष्ठ सलाहकार भारत वैभव ने प्रमुख तौर पर उद्योग जगत और युवा उद्यमियों को जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट पॉलिसी के बारे में बताते हुए कहा कि  घरेलू उद्योग उत्पादन में प्रौद्योगिकी अवशोषण और पेशेवर या उन्नत कौशल का उपयोग व  समझदार ग्राहक को विश्व स्तर पर आपूर्ति श्रृंखलाओं से जोडऩा। इसका अर्थ है दो तरफा सामाजिक और ग्राहक लाभ योजना होने के दौरान पर्यावरण पर शून्य दोष और शून्य प्रभाव ।
शून्य दोषों का अर्थ है उच्च गुणवत्ता वाले मानक उत्पादों का उत्पादन करना जिनका पर्यावरण पर शून्य प्रभाव पड़ता है। यह प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी या ऊर्जा स्रोतों की कमी और निर्माण में अपव्यय के संबंध में है। उम्मीद है, विनिर्माण चरणों में ऐसे प्रमाणन और रेटिंग पर ध्यान दिया जा रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था और विनिर्माण प्रक्रियाओं में स्थायी और परिवर्तनकारी विकास होगा। जेडईडी योजना को शून्य दोष, शून्य प्रभाव योजना के रूप में भी जाना जाता है और इसे 2016 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय या एमएसएमई मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था और यह एमएसएमई में उत्पादों, प्रक्रियाओं और परिणामों के लिए एक व्यापक, एकीकृत गुणवत्ता प्रमाणन प्रणाली है । यह एमएसएमई उद्योगों में जेडईडी संस्कृति या शून्य प्रभाव और शून्य दोषों की अवधारणाओं पर केंद्रित है । इसका मतलब उन प्रक्रियाओं को हटाना है जिनमें दोष है या दोषपूर्ण उत्पादों को हटाना है ।
यह भी इंगित करता है गुणवत्ता, उत्पादन, ऊर्जा बचत, विनिर्माण दक्षता, प्रदूषण का शमन, मानव संसाधन और वित्तीय दक्षता में सुधार, और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और प्रक्रियाओं और उत्पादों के डिजाइन शामिल हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अथिति लघु उद्योग भारती हरबंस पटियाल, महासचिव संजीव शर्मा, राष्ट्रीय सचिव डा विक्रम बिंदल, भारत वैभव ट्रेनर  एमएसएमई जेड की तरफ से मोजूद रहे। यह कार्यक्रम लघु उद्योग भारती बददी ने एमएसएमई जेड ई डी की टीम से मिलकर किया।
यह रहे उपस्थित: इस अवसर पर विक्रम बिंदल, हरबंस पटियाल, संजीव शर्मा, बददी के महासचिव    वेद प्रकाश मिश्रा, आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष सार्थक गुप्ता, देवेंद्र राणा, किशोर ठाकुर, रोड सेफॅटी कलब प्रधान सुरेंद्र शर्मा, पीसीबी प्रधान राजेंद्र चौधरी, प्रो अंकुश नेगी, रेखा शर्मा स्टीलबर्ड, राहुल सैणी, हरीश, नीरज गुप्ता, सौरभ अग्रवाल,नरेश यादव, रणेश राणा, सुशील पंाडे, राजेश शर्मा, गगनदीप सिंह, सुजल जिंदल, संदीप ठाकुर, राहुल नेगी, हेमंत शर्मा, वीपी मिश्रा, अशोक कुमार, अंकुर कश्यप, हेमंत शर्मा, मनोज कुमार, नागपाल, गर्वित खुराना व दीपक मंगला सहित कई उद्यमी उपस्थित थे।