जालंधर के इन प्राईवेट अस्पतालों में पंजाब पुलिस को मिलेंगी सस्ती सुविधाएं

जालंधर के इन प्राईवेट अस्पतालों में पंजाब पुलिस को मिलेंगी सस्ती सुविधाएं

 जालंधर (वरुण)। पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य सशस्त्र पुलिस जालंधर एम.एफ. फारूकी ने जालंधर के कुछ निजी अस्पतालों के साथ एक समझौते (एम.ओ.यू ) पर हस्ताक्षर किए है, जिसके तहत पुलिस अधिकारी/कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य सस्ती दरों पर इलाज सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे।

इस संबंध में पीएपी एडीजीपी में प्रेस क्रांफैस के दौरान जानकारी देते हुए एम.एफ. फारूकी ने कहा कि जालंधर के कुछ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों के साथ समझौते (एम.ओ.यू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिनमें पटेल अस्पताल, इनोसेंट हार्ट अस्पताल, श्रीमन अस्पताल, ग्लोबल अस्पताल, मान स्कैनिंग सेंटर और भाटिया स्कैनिंग सेंटर शामिल हैं, जिसके तहत इन अस्पतालों में परीक्षण सहित सभी इलाज सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों और उनके आश्रितों को (केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना) दरों पर, जो इन अस्पतालों की सामान्य दरों से काफी कम है। 

उन्होंने कहा कि यह सुविधा एसपीओ, पीएचजी और दर्जा चार के कर्मचारियों सहित सभी पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों और उनके परिवारों को प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीएपी के साथ होशियारपुर, जालंधर ग्रामीण, कपूरथला जिला, जालंधर कमिश्नरेट को भी इसमें शामिल किया गया है।
इस सुविधा की विशेषताओं के बारे  में एडीजीपी ने बताया कि पुलिस अधिकारी/कर्मचारी अपना बिल भुगतान करने के बाद प्रक्रिया के अनुसार विभाग में अपना बिल अदा करने के बाद कलेम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को बडे वित्तीय बोझ से तुरंत राहत मिलेगी, जिसके कारण उन्हें कभी-कभी निजी फाइनैंसरों से अधिक दरों पर पैसे उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को एक कार्ड दिया जाएगा, जिसमें अधिकारी/कर्मचारी का नाम, फोटो और परिवार के सदस्यों का नाम (चाहे वे आश्रित हों या नहीं) होंगे। उन्होंने कहा कि इससे न केवल हमारे पुलिस कर्मियों का खर्च कम होगा बल्कि सरकारी खजाने पर बोझ भी कम होगा। एडीजीपी ने यह भी बताया कि मरीजों और अस्पतालों के बीच किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए एक शिकायत निवारण समिति का भी गठन किया जाएगा और योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए तिमाही समीक्षा बैठकें भी की जाएंगी।